फर्जी शपथ पत्र के आधार पर पट्टा प्राप्त करने के आरोपी को एसीजेएम कोर्ट सांचौर ने सुनाई 4 साल के कठोर कारावास की सजा
➖ अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सांचौर श्री हरीश कुमार ने सुनाई सजा।
➖ राज्य सरकार की ओर से अभियोजन अधिकारी महेश कुमार डाबी ने की पैरवी।
सांचौर। फर्जी शपथ पत्र के आधार पर पट्टा जारी करवाने के मामले से जुड़े प्रकरण में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सांचौर श्री हरीश कुमार ने सांचौर निवासी मोहम्मद अली पुत्र हाजी रसीद अहमद नागौरी को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 193 के तहत दोषी मानते हुए 4 वर्ष के कठोर कारावास के साथ उक्त धारा में 3 लाख के अर्थदंड से दंडित किया है, जहां अर्थदंड का भुगतान नहीं करने पर 6 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगताए जाने का आदेश दिया है तथा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 420 में संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त किया। राज्य सरकार की ओर से पैरवी अभियोजन अधिकारी महेश कुमार डाबी ने की, वहीं मुलजिम मोहम्मद अली की ओर से पैरवी विद्वान अधिवक्ता श्री इब्राहिम शाह जुनेजा ने की।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सांचौर श्री हरीश कुमार ने सजा सुनाते हुए अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त द्वारा नगरपालिका सांचौर में पट्टा प्राप्त करने हेतु फर्जी शपथ पत्र पेश किया एवं इस संबंध में अनुसंधान अधिकारी द्वारा सूचना एवं दस्तावेज मांगने पर भ्रामक जवाब पेश कर साक्ष्य अधिनियम की गलत व्याख्या कर भ्रमित किया गया है, जहां वर्तमान में अचल संपत्ति से संबंधित कूटरचना एवं धोखाधड़ी करने के मामलों में स्थानीय क्षेत्र में अत्यधिक बढ़ोतरी हो रही है, इसलिए इस प्रकार के अपराधों में नरमी का रुख अपनाया जाने से समाज में कानून एवं व्यवस्था के प्रति विपरीत संदेश जाएगा।
राज्य सरकार की ओर से पैरवी करते हुए अभियोजन अधिकारी महेश कुमार डाबी ने बताया कि प्रार्थीगण सांचौर निवासी रमेश कुमार एवं प्रह्लाद ने वर्ष 2012 में अभियुक्त मोहम्मद अली एवं अन्य के खिलाफ इस्तगासा पेश किया कि अभियुक्तगण ने स्कुल के खेल मैदान एवं सार्वजनिक शौचालय की भूमि का पट्टा अपने नाम से फर्जी शपथ पत्र एवं स्कूल के खेल मैदान का नक्शा पेश कर जारी करवाया है, जहां पुलिस थाना सांचौर द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 16, वर्ष 2012 दर्ज कर उक्त में अनुसंधान पूर्ण कर अभियुक्तगण सांचौर निवासी मोहम्मद अली पुत्र हाजी रसीद अहमद नागौरी एवं हाजी रसीद अहमद पुत्र हसन मोहम्मद नागौरी के खिलाफ धारा 420, 193 भारतीय दण्ड संहिता में आरोप पत्र प्रस्तुत किया, जिस पर राज्य सरकार की ओर से कुल 14 गवाह परीक्षित करवाए गए एवं कुल 31 दस्तावेजात प्रदर्शित करवाए गए, जिसपर न्यायालय ने अभियुक्त मोहम्मद अली को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 193 में दोषी मानते हुए 4 साल के कठोर कारावास एवं 3 लाख के अर्थदंड से दंडित किया है।