पुनित चपलोत
भीलवाड़ा । बीमा क्लेम की राशि पाने के लिए दो आरोपितों ने एक व्यक्ति की हत्या की साजिश रची और सडक़ दुर्घटना का रूप देकर इस वारदात को अंजाम देने की कोशिश की। लेकिन किस्मत का खेल ऐसा हुआ कि जिस व्यक्ति को मारने की योजना थी, उसकी जगह उसका साथी मौत का शिकार बन गया। पुर थाना पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले का खुलासा कर मुख्य आरोपित कोदिया निवासी किशनलाल पुत्र कैलाशचन्द्र लोहार व इसके साथी किशन पुत्र नन्दलाल लोहार को गिरफ्तार कर लिया है। यह पूरी वारदात 9 सितंबर की शाम को पांसल गांव के पास हुई थी।
कुछ इस तरह शुरु हुई घटना
जवाहरनगर निवासी बबलू सिंह पुत्र घनश्याम सिंह ने रिपोर्ट दी थी कि उसका मामा का बेटा विक्रमसिंह भीलवाड़ा से कोटड़ी जाते समय सडक़ दुर्घटना में घायल हुआ और उसकी मौत हो गई। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच की। प्रारंभिक जांच में पता चला कि दुर्घटना किसी काले रंग की जीप से हुई है। मामले में संदेह होने पर पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पारस जैन और एएसपी सहाड़ा रोशन पटेल के मार्गदर्शन और वृत्ताधिकारी मांडल सुश्री मेघा गोयल के सुपरविजन में पुलिस थाना पुर की विशेष टीम गठित की गई।
पुलिस जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपी किशनलाल लोहार ने बीमा क्लेम के लिए अपने रिश्तेदार राजूलाल लोहार को योजनाबद्ध तरीके से मरवाने की साजिश रची थी। उसने राजूलाल को डंपर के नाम पर बीमा करवाने, एलआईसी पॉलिसी और बैंक दस्तावेज अपने कब्जे में रखे। बीमा की राशि राजूलाल की पत्नी के नाम पर थी। राजू लाल के मरने के बाद यह राशि हड़पने की योजना बनाई गई।
योजना की रात बनी वारदात की रात
9 सितंबर की शाम किशनलाल ने राजूलाल को पांसल गांव के पास होटल पर बुलाया। लेकिन उसके मोबाइल में बैलेंस खत्म हो गया तो उसने अपने साथी विक्रमसिंह का मोबाइल इस्तेमाल किया और वही उसे साथ ले गया। समोडी चौराहा के पास दोनों को बुलाया गया जहां किशनलाल और उसका साथी किशन लोहार पहले से महिंद्रा जीप में इंतजार कर रहे थे।
जैसे ही मोटरसाइकिल पास से गुजरी, किशनलाल ने जीप को तेज गति से पीछे से टक्कर मारी। टक्कर में राजूलाल नीचे गिर गया जबकि विक्रमसिंह बाइक के नीचे फंस गया। किशनलाल ने विक्रमसिंह को राजूलाल समझकर जीप को वापस घुमाया और उसे कुचल दिया। मौके पर ही विक्रमसिंह की मौत हो गई।
बीमा क्लेम के लिए रची गई थी साजिश
पुलिस के अनुसार आरोपियों का मकसद राजूलाल की मौत को सडक़ हादसे का रूप देकर उसकी बीमा राशि हड़पना था। लेकिन मौके पर परिस्थितियां उलट गईं और राजू के बजाय विक्रमसिंह की जान चली गई।
आरोपितों का पूर्व में है आपराधिक रिकॉर्ड
मुख्य आरोपी किशनलाल पुत्र कैलाशचंद्र लोहार पहले भी भीलवाड़ा में एक व्यापारी के अपहरण और फिरौती वसुलने के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। पुलिस अब उसकी अन्य आपराधिक गतिविधियों की जांच भी कर रही है।
ये आरोपित गए पकड़े
कोदिया निवासी किशनलाल पुत्र कैलाशचन्द्र लोहार व किशन लोहार पुत्र नन्दलाल लोहार निवासी कोदिया थाना कोटड़ी को गिरफ्तार कर बीमा क्लेम के लिए रची गई हत्या की साजिश का पर्दाफाश किया है। आरोपी फिलहाल पुलिस रिमांड पर हैं और आगे की पूछताछ में और खुलासों की उम्मीद है।
इस टीम ने किया खुलासा
पुर थाना प्रभारी पुष्पा कसोटिया, एएसआई जमनालाल, दीवान गजराज, यशवीर सिंह, चन्द्रवीर सिंह, इस्लाम मोहम्मद, कांस्टेबल जितेन्द्र सिंह, (विशेष योगदान), भारत सिंह, (विशेष योगदान)।


