अनिल कुमार
यात्री सुरक्षा : स्मार्ट हलचल| राजस्थान रोडवेज की बसों में यात्रियों की सुरक्षा के इंतजाम पूरे नहीं होने से आये दिन यात्री दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। भाकपा (मा.) ने परिवहन विभाग व राजस्थान रोडवेज प्रबंधन को इस संबंध में सुझाव देते हुए बसों में सीट बेल्ट लगाने तथा बस के पीछे सीट पर कुशन लगाने की मांग की है ताकि अचानक ब्रेक लगाये जाने पर यात्री आगे की सीट से टकराकर जख्मी न हो और सीट के पीछे लगे कुशन से उसके चेहरे का बचाव हो सके।
सीपीएम जिला प्रवक्ता साथी हेमचन्द आर्य ने परिवहन मंत्री को पत्र लिखकर रोडवेज बसों के चालकों द्वारा बरती जा रही अनदेखी व लापरवाही की ओर ध्यान दिलाया है। अपने पत्र में लिखा है कि निजी कम्पनी की ट्रेवल बसों से प्रतिस्पर्धा के कारण रोडवेज चालक निर्धारित गति सीमा से अधिक तेज बस चलाते हैं
जिससे कई बार हादसे हो जाते हैं। निजी बस चालक ओवरटेक करने से नहीं चूकते और तेज गति के कारण यातायात नियमों की भी अवहेलना होती है। कई बार आगे चलते वाहन और रोडवेज के बीच दूरी कम होने की स्थिति में किसी भी कारण से आगे चलने वाले दो या चार पहिया वाहन चालक के ब्रेक लगाते ही रोडवेज बस चालक को भी आपात स्थिति में ब्रेक लगाने पड़ते हैं और ऐसे में बस यात्री अगली सीट से टकराकर चोटिल हो जाता है।
यातायात एवं परिवहन विभाग ने कारों में सीट बेल्ट अनिवार्य कर रखे हैं और बसों में यात्रियों को अपने हाल पर छोड़ दिया है जबकि बसों की सीटें न तो आरामदायक है और न ही सुरक्षा की दृष्टि से अनुकूल। अतः रोडवेज बसों की सीटिंग व्यवस्था सुचारू, सुरक्षित व सुविधाजनक बनाने हेतु नई डिजाइन पर भी ध्यान देना जरूरी है।


