– ग्राम पंचायत प्रशासक (सरपंच) रामबिलास गुर्जर सहित ग्रामीणों ने बीसलपुर परियोजना के अधिकारियों पर हठधर्मिता व प्रशासन पर अनदेखी के लगाए आरोप,
– बीसलपुर पेयजल परियोजना के कर्मचारियों के मौके पर पहुंचने व वाल को सुचारू रूप से चालू करने पर हुआ समस्या समाधान
शिवराज बारवाल मीना
टोंक/उनियारा।स्मार्ट हलचल|जिले में उनियारा उपखण्ड क्षेत्र के ककोड कस्बा में पिछले करीब एक महीने से चल रही पीने के पानी की किल्लत के चलते सोमवार को ग्रामवासियों के धैर्य का बांध टूट गया और महिला पुरूष ग्रामीणों ने जलदाय विभाग की पानी की टंकी के ऊपर चढ़कर विरोध जताते हुए जमकर नारेबाजी की और मौके पर ही धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान ग्राम पंचायत ककोड के प्रशासक (सरपंच) रामबिलास गुर्जर भी सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे। जहां प्रदर्शन कर रहे महिला पुरूषों सहित बच्चों से समझाईश की और मौके से उच्चाधिकारियों को पेयजल संकट से अवगत करवाकर बातचीत की। जहां ग्राम पंचायत प्रशासक रामबिलास गुर्जर ने ग्रामीणों की मौजूदगी में ही मौके पर मीडियाकर्मियों को बताया कि बीसलपुर परियोजना के अधिकारियों और कर्मचारियों की हठधर्मिता से यह स्थिति बनी हुई हैं, उन्होंने जानबूझकर वाल बंद करके वेल्डिंग कर दिया हैं, जिससे टंकी मे पानी नहीं जा रहा हैं और यह वर्तमान में पेयजल संकट कि यह हालत बनी हैं जिससे लोगों को विरोध प्रदर्शन करना पड़ रहा हैं। साथ ही ग्राम पंचायत प्रशासक ने बताया कि जनसुनवाई सहित व्यक्तिगत रूप से कई बार उपखण्ड व जिला प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है लेकिन पेयजल समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
——- ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन के करीब 2 घंटे बाद मौके पर पहुंचे बीसलपुर परियोजना के कर्मचारी ———
ककोड़ ग्राम पंचायत मुख्यालय पर पेयजल संकट के चलते ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन के बाद उच्चाधिकारियों को अवगत कराने पर करीब 2 घंटे इंतजार के बाद बीसलपुर परियोजना के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और वेल्डिंग को तोड़ा गया। मौके पर वाल की 22 चूड़ियों में से एक ही चूड़ी खुली हुई पाई गई। जिसे ग्राम पंचायत प्रशासक द्वारा ओर अधिक आधा खुलवाया गया, उसके बाद पेयजलापूर्ति टंकी में पानी चढ़ना सुचारू चालू हुआ। तब जाकर ग्रामीणों ने अपना विरोध प्रदर्शन खत्म किया।
——– बीसलपुर पेयजल परियोजना के अधिकारियों की हठधर्मिता व प्रशासन की अनदेखी ——–
गौरतलब है कि बीसलपुर परियोजना के अधिकारियों की हठधर्मिता व अनदेखी के चलते लगातार उपखण्ड क्षेत्र के अधिकांश गांवों में पेयजल संकट बना हुआ है, लेकिन बीसलपुर पेयजल परियोजना के अधिकारियों व उपखण्ड प्रशासन द्वारा पेयजल की समस्या को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।