शाहपुरा। नगर के मुख्य मार्गों पर चल रहे सड़क निर्माण कार्य ने आमजन के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। संवेदक की लापरवाही और प्रशासन की उदासीनता ने हालात ऐसे बना दिए हैं कि लोग अपने ही घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं। बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। कीचड़, गड्ढे और अधूरी खुदाई ने सड़कों को दुर्गम बना दिया है। बीमार व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाना तो दूर, एंबुलेंस का घर तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है।प्रश्न यह उठता है कि जब सरकार खुद को कल्याणकारी बताती है, तो ऐसी नीतियों को ज़मीन पर लागू करवाने में लापरवाही क्यों? निर्माण कार्य जनता की सुविधा के लिए होते हैं, न कि उन्हें तकलीफ में डालने के लिए। क्या इस प्रकार की अव्यवस्था से लोगों का विश्वास प्रशासन पर बना रह सकता है? क्या इस अनदेखी से जनता को ‘विकास’ की अनुभूति होगी या फिर यह आक्रोश का कारण बनेगा? जनता को नजरअंदाज कर, उनकी परेशानी पर चुप्पी साध लेना कहीं भविष्य में बड़े विरोध का कारण न बन जाए — यह सोचने का विषय है। अब वक्त आ गया है कि जिम्मेदार चेतें, वरना यह उबलती जनता किसी दिन लावा बनकर फूट पड़ेगी।