पत्तल दोना,मसाला उद्योग व फैंसी स्टोर स्थापित कर प्रति माह कमा रही 25 से 30 हजार ।
शाहपुरा जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत महिलाओं के कार्य को देख कर खुश हुए
और भी संभावनाएं तलाश कर महिलाओ को राजीविका के तहत लघु उद्योग स्थापित करवाने के दिए निर्देश।
शाहपुरा@(किशन वैष्णव) गांव की गरीब महिलाओं को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने के लिए सरकार ने अनेक योजनाएं चला रखी है जिसके तहत एक योजना आजीविका जिसे राजस्थान ग्रामीण आजीविका परियोजना के नाम से जाना जाता है इस योजना की तहत महिलाओ को सरकार अपने स्वयं के लघु उद्योग स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा ऋण दिया जाता है।बुधवार को शाहपुरा जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत ने शाहपुरा उपखंड के ग्राम बछखेड़ा क्षेत्र में महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया।निरीक्षण के दौरान जिला कलेक्टर ने शाहपुरा उपखंड में चल रहे राजीविक के तहत् चल रहे लघु उद्याग के कार्यों का भी जायजा लिया। जहां बछखेड़ा गांव में ग्रामीण महिला सीमा जाट द्वारा पत्तल दोने को बनाने का स्वयं का लघु उद्योग व्यवसाय राजीविका के माध्यम से किया जा रहा है इनको का राजीविका के द्वारा 200000 रुपए का ऋण उपलब्ध कराया गया था। इससे उन्हें 30000 पर प्रतिमाह की आमदनी हो रही है
वही बछखेडा गांव में गायत्री वैष्णव द्वारा फैंसी स्टोर खोल कर व्यवसाय स्थापित कर रखा है जिससे अपना जीवन यापन किया जा रहा है इनको राजीविका के द्वारा डेढ़ लाख रुपए की सहायता राशि ऋन के रूप में दी गई है। और वह 10000 से 15000 पर प्रतिमा अपनी आय अर्जित कर रही है।वही उसी गांव में गोमती देवी,गीत देवी दोनों मसाला पैकिंग व्यवसाय करके 15 से 20 हजार रुपए प्रतिमा कमा रही है. इन्हें भी राजीविका के द्वारा डेढ़ लाख रुपए का ऋन राशि उपलब्धि करवाई गई है।इसी दौरान देवपुरी (लसाडिया) निवासी अंजना मंत्री अपने समूह के सदस्यों के साथ मिलकर पत्तल दोना बनाने का व्यवसाय करके 25 से 30000 पर प्रतिमा आमदनी प्राप्त करें।
आत्मनिर्भर बन रही महिलाए,जिम्मेदारियां उठा रही।
जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत ने जब उनका जायजा दिया तो खुश नजर आए और कहा आत्मनिर्भर बन रही भारत की महिलाए इसे देख कर खुशी हुई।जानकारी के अनुसार राजीविक योजना का पूरा नाम राजस्थान ग्रामीण आजीविका परियोजना है जो महिलाओ को गरीबी रेखा से ऊपर उठा मकसद है जिसमे महिलाओ को अपना स्वयं का लघु उद्योग स्थापित कर आत्मनिर्भर बनाने में मदद करता है इस योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक सहयोग ऋण उपलब्ध कराकर उन्हें छोटे छोटे स्वयं के उद्योग में सहयोग प्रदान करना है।इसके तहत महिलाओ को आत्मनिर्भर बनाकर खुद परिवार को चलाने में सक्षम हो जाती है और आर्थिक बोझ भी नही पड़ता है।
जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत ने मनरेगा कार्यों का किया निरीक्षण।
जिला कलेक्टर ने बच्छखेड़ा में राजीव गांधी मनरेगा योजना के तहत कार्यो का निरक्षण किया। वहां कार्यरत महिला मेट से श्रमिकों के भुगतान के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कार्य स्थल पर पेयजल एवं फर्स्ट एड किट के बारे में जानकारी ली।नरेगा श्रमिको की संख्या कम मिलने पर जिला कलक्टर ने नाराज़गी व्यक्त की तथा संबंधित को निर्देशित किया। उन्होंने श्रमिकों के कार्य एवं भुगतान के बारे में जानकारी ली। जिला कलेक्टर ने महिला मेट से कहा कि कार्य की प्रभावी मॉनिटरिंग करें। साथ ही मस्टरोल, श्रमिकों की हाजिरी तथा उनके अनुरूप उपस्थिति की भी जांच की। इस दौरान उपखंड अधिकारी,राजकेश मीणा, जिला प्रबंधक राजीविका सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।निरक्षण के दौरान इस दौरान उपखंड अधिकारी, राजकेश मीणा, जिला प्रबंधक राजीविका,
विकास अधिकारी,शाहपुरा, सहायक विकास अधिकारी,शाहपुरा सहित पंचायती राज विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
अब महिलाओ की बैंको में भी बनी रिपोटेशन,पहले नही मिलता था गांव में लोन।
शाहपुरा जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया की बच्छखेड़ा व देवपुरी में महिलाएं राजिविक के तहत अपना स्वयं का लघु उद्योग स्थापित कर रखा है निरक्षण के दौरान मेने उनका मनोबल बढ़ाया है मोटिवेशन किया।कलेक्टर शेखावत ने कहा की अब महिलाओ की बैंको में भी रिपोटेशन बनी हुई है,पहले गांव में नही मिलता था लोन,सरकार के सहयोग के बाद अब घर खर्चा चलाने के बाद भी अच्छा मुनाफा अर्जित कर रही है।कलेक्टर शेखावत ने अधिकारियों को निर्देशित किया की जिले में और भी जगह संभावनाएं तलाश कर महिलाओ को राजीविका के तहत सहयोग करके उद्योग स्थापित करने में मदद करे,ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बने।