शाहपुरा, शाहपुरा में पूज्य सिंधी पंचायत के तत्वाधान में भारतीय सिंधु सभा की ओर से श्री झूलेलाल मंदिर में सिंधी बाल संस्कार शिविर का समारोहपूर्वक शुभारंभ किया गया। इस शिविर के माध्यम से समाज के नन्हे-मुन्ने बच्चों को प्रतिदिन 1 घंटे की क्लास लगाकर प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे अपनी संस्कृति और परंपराओं को जान सकें। शिविर के उद्घाटन समारोह में पूज्य सिंधी पंचायत के अध्यक्ष मोहन लखपतानी ने बताया कि भारतीय सिंधु सभा देश भर में इस प्रकार के बाल संस्कार शिविर आयोजित कर रही है। इन शिविरों के माध्यम से समाज के बच्चों को सिंधी भाषा, सिंधी शिक्षा और सिंधी संस्कृति के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी। लखपतानी ने कहा कि इस प्रकार के शिविरों से बच्चों में अपनी सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूकता और सम्मान बढ़ेगा। प्रेस क्लब शाहपुरा के सचिव मूलचन्द पेसवानी ने बाल संस्कार शिविर के शाहपुरा में शुभारंभ पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे समाज के बच्चों को जागृत और संस्कारित करने का अवसर प्राप्त होगा। उन्होंने समाज के पंचों से आग्रह किया कि वे अपने घरों से प्रत्येक बच्चे को इस शिविर में भेजें ताकि वे इस अद्वितीय अवसर का लाभ उठा सकें।
इस मौके पर सिंधी समाज के सचिव ओम प्रकाश सिंधी, वरिष्ठ समाजसेवी लीलाराम वासवानी, सुरेश कुमार आसवानी, हरीश कुमार मतलानी, प्रदीप कुमार तोलानी, अशोक तोलानी, अशोक महाराज, भारती, शिल्पा, गीत, चांदनी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। समारोह में उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवी लीलाराम वासवानी ने कहा कि बच्चों को अपने समाज और संस्कृति के प्रति जागरूक करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बाल संस्कार शिविर बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध होंगे और उन्हें अपने सांस्कृतिक मूल्यों की समझ और उन्हें जीवित रखने का महत्व सिखाएंगे।सिंधी समाज के अन्य वरिष्ठ सदस्यों ने भी इस पहल की सराहना की और कहा कि इस प्रकार के आयोजन समाज को एकजुट करते हैं और बच्चों को अपने समाज और उसकी धरोहर से जोड़ने का सशक्त माध्यम बनते हैं।
शिविर के पहले दिन बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और उन्हें सिंधी भाषा के शुरुआती पाठ, पारंपरिक गीत और नृत्य के साथ-साथ सिंधी संस्कृति की विशेषताओं से परिचित कराया गया। प्रशिक्षकों ने बच्चों को सरल और मनोरंजक तरीकों से सीखने की प्रक्रिया को रोचक बनाने का प्रयास किया।
शिविर के आयोजकों ने बताया कि यह कार्यक्रम महीने भर चलेगा और इसके अंत में बच्चों द्वारा सीखे गए कौशल और ज्ञान का प्रदर्शन भी आयोजित किया जाएगा। इस प्रकार के आयोजन शाहपुरा में सामाजिक और सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।शाहपुरा के सिंधी समाज ने इस पहल का स्वागत किया है और अपने बच्चों को इस शिविर में शामिल कराकर उन्हें अपनी संस्कृति से जोड़ने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस शिविर के माध्यम से बच्चों को अपनी जड़ों से जोड़ने और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास किया जा रहा है।