शाहपुरा। पेसवानी
भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा कस्बे में दशहरे के पावन अवसर पर हिंदू जागरण मंच, शाहपुरा नगर द्वारा शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन उदयभान गेट स्थित श्रीराम मंदिर परिसर में किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में समाजबंधु, मातृशक्ति और नगरवासी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रभक्ति और सनातन धर्म की जयघोष से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्रीराम मंदिर के महंत सीताराम बाबा ने कहा कि सनातन धर्म के अस्तित्व की रक्षा शास्त्रों से ही नहीं बल्कि शस्त्रों के बल से भी होती है। उन्होंने कहा दृ “शस्त्र पूजन हमारी परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। शस्त्र केवल आत्मरक्षा का साधन नहीं बल्कि धर्म और संस्कृति की रक्षा का संकल्प है। अपने परिवार, समाज और धर्म की रक्षा के लिए हर सनातनी को शस्त्र रखना और उसका संचालन आना चाहिए। शस्त्र से ही शास्त्र की रक्षा संभव है।”
उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपनी परंपराओं और संस्कारों से जुड़ें तथा मातृभूमि और धर्म की रक्षा के लिए सदैव सजग रहें। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लक्ष्मण सिंह राठौड़ (प्रांत प्रशिक्षण प्रमुख, हिंदू जागरण मंच) रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि दशहरा केवल रावण दहन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सत्य की असत्य पर विजय और धर्म की अधर्म पर जीत का पर्व है।
उन्होंने कहा दृ “हमारी संस्कृति में शस्त्र का स्थान पूजनीय है। शस्त्र का अर्थ हिंसा नहीं, बल्कि अन्याय और अधर्म के विनाश का संकल्प है। शस्त्र पूजन हमें यह याद दिलाता है कि धर्म की रक्षा के लिए यदि आवश्यकता पड़ी तो शस्त्र उठाना भी हमारा कर्तव्य है।”
हिंदू जागरण मंच जिला संयोजक हनुमान धाकड़ ने अपने उद्बोधन में कहा कि संगठन की शक्ति से ही समाज मजबूत बनता है। शस्त्र पूजन जैसे आयोजन युवाओं और समाज को नई दिशा और प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू जागरण मंच का उद्देश्य समाज में जागरूकता, आत्मबल और एकता का संचार करना है।
कार्यक्रम के अंत में हनुमान धाकड़ ने सभी अतिथियों, समाजबंधुओं और मातृशक्ति का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि समाज के सहयोग और उत्साह से ही ऐसे आयोजन सफल होते हैं। शस्त्र पूजन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गणमान्यजन और कार्यकर्ता मौजूद रहे। इनमें सीताराम बाबा, हनुमान धाकड़, रामेश्वर धाकड़, कन्हैयालाल धाकड़, राजेंद्र बोहरा, रवि बोहरा, अशोक बोहरा, राजाराम पोरवाल, जगदीश बोहरा, महावीर माली, राजेश सोलंकी, पवन बसेर, विनोद गंगवाल, शंकरलाल गुर्जर, बसंत वैष्णव, उदयलाल धाकड़, भगवत सिंह राणावत, मुकेश लोहार, पंकज सुगंधी, महावीर सैनी, राजू खटीक, देवीलाल रेगर, बजरंग सिंह राणावत, देवेंद्र सिंह, दुर्गालाल कहार, राजेश कहार, रामरतन धाकड़, सुनील पंडित, पुष्पेंद्र गुर्जर, राहुल गुर्जर सहित अनेक पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता शामिल रहे।
इस आयोजन में मातृशक्ति की विशेष उपस्थिति रही। रीना लोहार, सुनीता बलाई, ममता गुरु, नंदकुमार नायक, मोनिका माली, किरण माली, सोनाली पोरवाल सहित अनेक महिलाओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई। मातृशक्ति की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक सशक्त और प्रेरणादायी बना दिया।
उल्लेखनीय है कि शस्त्र पूजन का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। दशहरे पर शस्त्र पूजन की परंपरा इस बात का प्रतीक है कि शस्त्र केवल भौतिक शक्ति का नहीं बल्कि आस्था और आत्मबल का प्रतीक हैं। इस अवसर पर अनेक वक्ताओं ने कहा कि आज के समय में समाज को एकजुट होकर अपनी संस्कृति और परंपराओं की रक्षा करनी होगी।


