Shiv MLA Ravindra Singh Bhati:राजस्थान में बाड़मेर-जैसलमेर सीट का लोकसभा चुनाव बड़ा दिलचस्प होता जा रहा है. बीजेपी ने जहां केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को लगातार दूसरी बार अपना प्रत्याशी घोषित किया है तो कांग्रेस ने आरएलपी नेता उम्मेदाराम बेनीवाल को कांग्रेस में शामिल करवाकर अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. इसी बीच बीजेपी से बागी और शिव विधानसभा से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी भी बाड़मेर-जैसलमेर सीट से चुनाव लड़ने के मूड में नजर आ रहे हैं. ऐसे में अगर भाटी चुनाव लड़ते हैं तो राजनीतिक जानकार मानते हैं कि वह कांग्रेस और बीजेपी दोनों प्रमुख पार्टियों का चुनावी गणित बिगाड़ सकते हैं.
रविंद्र सिंह भाटी ने पिछली बार सीएम भजनलाल शर्मा से मुलाकात के बाद कहा था कि वह अपने समर्थक और कार्यकर्ताओं से बात करेंगे. इसके बाद वह कोई फैसला लेंगे. ऐसे में उन्होंने मंगलवार (26 मार्च) को सर्वसमाज की बड़ी बैठक बुलाई है. माना जा रहा है कि इस बैठक में वह चुनाव लड़ने का फैसला ले सकते हैं.
बाड़मेर जैसलमेर सीट पर बीजेपी की बढ़ेगी मुश्किल
बाड़मेर जैसलमेर सीट पर रविंद्र सिंह भाटी की काफी पकड़ है. यही वजह है कि बीजेपी से अलग होने के बाद जब विधानसभा चुनाव में शिव सीट से उन्होंने चुनाव लड़ा तो उनके आसपास भी कोई नहीं दिखा. भाटी के पास समर्थकों का जत्था जिसे बीजेपी भी भांप चुकी है. यही वजह है कि रविंद्र भाटी से मुलाकात कर सीएम भजनलाल शर्मा ने इसे सुलझाने की कोशिश की. लेकिन इस पर बात बनते नहीं दिखी. इसकी वजह यह है कि बीजेपी में वापसी रविंद्र के वापसी के तमाम प्रयास जो सीएम भजनलाल व पार्टी द्वारा किए गए उनमें रविंद्र की शर्त के अनुसार कोई बात नही हुई. लेकिन अब अगर रविंद्र भाटी चुनाव लड़ने का फैसला करते हैं तो बीजेपी के लिए यह सीट खतरे में आ जाएगा. बाड़मेर जैसलमेर सीट पर बीजेपी से कैलाश चौधरी मैदान में हैं.
बहरहाल, अब रविंद्र सिंह भाटी के फैसले का इंतजार है. अगर वह चुनाव लड़ने का फैसला लेते हैं तो बारमेड़ जैसलमेर सीट पर सारी सियासत बदल जाएगी. क्योंकि रविंद्र भाटी एक राजपूत चेहरा है और ओबीसी धड़ा भी उनके साथ है. जबकि कुछ जाट भी उनके समर्थन में हैं तो उनकी जीत निश्चित मानी जाती है. रविंद्र भाटी युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं.