Homeभीलवाड़ाशिवाजी उद्यान से पब्लिक का जूड़ाव लेकिन प्रशासन और पुलिस का नहीं,...

शिवाजी उद्यान से पब्लिक का जूड़ाव लेकिन प्रशासन और पुलिस का नहीं, क्षेत्रवासियों की छलकी पीड़ा, मुख्य द्वार के टुटे बॉर्ड को कबाड़ में रखकर भुल गए

राजेश जीनगर

भीलवाड़ा । शिवाजी उद्यान में मॉर्निंग वॉक के दौरान सुबह सुबह की ताजी हवा लेने और घुमने जा रहे हैं तो सावधानी से जाएं, कहीं सेहत बनने के चक्कर में आपकी सेहत बिगड़ ना जाए। क्योंकि इस उद्यान से आम जनता का जुड़ाव तो है, लेकिन पुलिस का और युआईटी प्रशासन का नहीं है। यहां पर घुमने आने वालों के लिए घुमना किसी जोखिम से कम नहीं है। सीमेंट से उद्यान के अंदर बने दरवाजों से अनहोनी के लिए कहीं सरिए बाहर झांक रहे हैं तो कहीं कहीं बिमारियों को न्योता देने के लिए गाजर घास खड़ी है तो वहीं उद्यान के बीचोंबीच सोन्दर्यकरण के लिए बने फव्वारे में भरा पानी सड़ांध मार रहा है और गंदगी होने के साथ मरे हुए पक्षी पड़े हुए हैं। जिसके चलते यहां चलने वाली नाव भी बंद पड़ी है। यहां पर आमजन के लिए बनी सुविधाएं साफ सफाई के अभाव में लोगों के लिए दुविधाएं साबित हो रही है। वॉशरूम पर कहीं भी महिला पुरुष लिखे नहीं होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। उद्यान के अंदर उगी बड़ी बड़ी घास में टहलने से जीव जन्तु का खतरा बना रहता है तो परिजन बच्चों को भी वहां जाने से रोकते हैं। यहां पर बच्चों के मनोरंजन के लिए लगाएं गए कई उपकरण टुटकर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में रखे हुए हैं। जबकि उद्यान के एक कोने में सुखे पत्तों और कचरे का ढेर लगा हुआ है। युआईटी इस उद्यान के रखरखाव, देख-रेख व साफ सफाई और मेन्टिनेंस पर हम माह पचास हजार रुपए खर्च कर रही है, जो की इस उद्यान में लगा हुआ बोर्ड बयां कर रहा है। बावजूद इसके हालात बदतर बने हुए हैं। उद्यान की इस दुर्दशा को लेकर जब स्थानीय महिलाओं में आशा रामावत, सुमन मंगल, लवी भराडिया, सोनिया नानकानी, मिनाक्षी शर्मा, प्रिती जोशी, मधु सोमाणी व गोल-गप्पे की थड़ी लगाने वाले रामलाल माली से बात की गई तो उन्होंने बताया की पिछले कई समय से यहां युआईटी द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने से इस उद्यान में भरे बरसाती पानी, चारों ओर फैली गंदगी, गाजर घास से मौसमी बिमारियों और डेंगू जैसी बीमारी फैलने का डर बना हुआ है। लेकिन युआईटी के जिम्मेदारों को इसकी सुध लेने का समय नहीं है। इसके मुख्य द्वार के बाहर लगी पुरानी टाइलों को उखाड़कर नई टाइलें लगाई जा रही है, जिसका कोई औचित्य नहीं है, यह व्यर्थ पैसा लगाया जा रहा है। यही पैसा युआईटी उद्यान के अंदर लगाती तो इसकी दशा सुधरती है। दुसरी और यहां पर शाम के समय लगने वाली चौपाटी पर पुलिस व्यवस्था नदारद रहने से मनचलों द्वारा महिलाओं, युवतियों पर फब्तियां कसने से अक्सर झगड़े होते हैं तो लापरवाह वाहन चालकों से बुजुर्गो और बच्चों के साथ दुर्घटना होने का अंदेशा बना रहता है। यहां पर पार्क के दोनों और स्टॉपर लगे हुए थे, जिनको हटा दिए जाने से चौपहिया वाहन चौपाटी तक पहुंचने लगे हैं। आसपास के लोगों की मानें तो दुकानदारों के कहने पर यह स्टॉपर हटाए गए हैं। जिसके चलते दुर्घटना होने की संभावना बढ़ गई है। इस और भी युआईटी के अधिकारियों को ध्यान देकर आमजन को राहत दी जानी चाहिए।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
news paper logo
RELATED ARTICLES