ड्रोन से करवाई गई पुष्प वर्षा, कावड़ियों का किया जोरदार स्वागत
शाहपुरा। पेसवानी
कावड़ियों द्वारा ओंकारेश्वर से लाई गई कावड़ की गाजेबाजों के साथ शिवभक्तों ने शोभायात्रा निकाली।
शाहपुरा श्याम सेवा समिति के तत्वाधान में निकाली गई शोभायात्रा उदयभान गेट से प्रारम्भ हुई। समिति सदस्यों ने कावड़ का पूजन करते हुए पुष्पमाला चढ़ाई और कावड़िये पुलिस के जवान शाहपुरा निवासी जगदीश जाट का तथा विष्णु लुहार, सुनील लुहार को माला पहनाकर स्वागत किया। इस मौके पर हिन्दू जागरण मंच की ओर से हनुमान धाकड़, विधायक लाला राम बैरवा की ओर से भाजपा नगर अध्यक्ष राजेंद्र बोहरा आदि ने, वेलकम चौराहे पर सांवरियां सेठ मित्र मंडल के हितेश पेसवानी व मित्रों नगर परिषद की ओर से पार्षदों ने, भाजपा कार्यकर्ताओं, खटीक समाज, सेन समाज महावीर, अंशुल सेन, गणेश उत्सव समिति के निखिल जीनगर, कांग्रेस कमेटी के संदीप जीनगर, व्यापार मंडल की ओर से देवेंद्र झंवर, धीरज मुंदड़ा, गोविंद देव मंदिर, माहेश्वरी समाज की ओर से दीपक, प्रदीप, झंवर, महेश मारू, जैन समाज के नरेंद्र जैन, मान चंद पाटनी, ओसवाल समाज की ओर से महेंद्र सिंह लोढ़ा, अनिल लोढ़ा, सिंधी पंचायत के मोहनलाल, शंकर व ओम ठारवानी ने, चारभुजा मंदिर, बालाजी छतरी सहित कई समाज के लोगों, सामाजिक, धार्मिक संगठनों के लोगों ने कावड़ की पूजा करते हुए नमन किया और कावड़ियों पर पुष्पवर्षा करते हुए स्वागत किया।
*सांप्रदायिकता की दी मिशाल:* मुस्लिम समाज के सदर पूर्व पार्षद हमीद खान कायमखानी ने कावड़ियों को साफा बंधवा कर स्वागत किया।
फुलिया गेट पर कावड़ यात्रियों का साफा माला पहनकर स्वागत किया वक्फ बोर्ड अध्यक्ष हमीद खां के नेतृत्व में, साथ में थे लाला गौरी, मोहसिन खान,गब्बर खान, फूल मोहम्मद, गांधी गुर्जर,शब्बीर आजाद आदि मुस्लिम समाज के व्यक्तिथे.
*कावड़ियों को हथेलियों पर होकर मन्दिर पहुंचाया:* शोभायात्रा का समापन फुलिया गेट मोहनबाड़ी में स्थित श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में हुआ। जहां शिवभक्तों ने कावड़ियों के परातो में चरण धोए, कावड़ के जल की आरती उतारी, शिव भक्तों ने राह में अपनी हथेलियां बिछाकर कावड़ियों को मंदिर में प्रवेश करवाया। अंत में ओंकारेश्वर से लाये कावड़ का विधि विधान से पूजन कर नर्मदा का जल शिवलिंग पर चढ़ाया। इस मौके पर सैंकड़ों शिवभक्त मौजूद थे। ॐ नमः शिवाय के जयकारों से शिवालय गूंज उठे।
उल्लेखनीय है कि शाहपुरा के तीन कावड़िये ओंकारेश्वर से 22 जुलाई को शाहपुरा के लिए रवाना होकर 500 किलोमीटर की पैदल यात्रा 14 दिनों में तय कर रविवार को शाहपुरा पहुंचे।