प्रशासन की गंभीर लापरवाही, घटिया मैटेरियल का किया उपयोग
लाखेरी -स्मार्ट हलचल|उपखंड क्षेत्र की भाण्ड गंवार सड़क पर हाल ही में किए गए पेचवर्क की पोल दो दिनों में ही खुल गई। बड़े गड्ढों पर किया गया डामरीकरण वाहनों का मामूली दबाव भी नहीं झेल पाया और जगह–जगह से परतें उखड़कर बिखर गईं। इससे सड़क पहले से भी अधिक खस्ताहाल हो गई है, जिसके चलते ग्रामीणों व वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने विभाग और ठेकेदार पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। स्थानीय लोगों के अनुसार गड्ढों को ठीक से भरे बिना ही सीधे ऊपर से पेच डाल दिया गया, जिसके कारण मरम्मत शुरू से ही कमजोर रही और जल्दी उखड़ गई। क्षेत्रवासियों का कहना है कि वर्षों से इस सड़क पर मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं, लेकिन गुणवत्ताहीन काम की वजह से सड़क कभी टिकाऊ नहीं बन पाती।
जिम्मेदारों पर उठ रहे सवाल
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि संबंधित अधिकारी कभी भी मौके पर निरीक्षण नहीं करते, जिसके चलते ठेकेदार मनमाने तरीके से घटिया गुणवत्ता का काम कर रहे हैं। लोगों ने जिला प्रशासन से पूरे प्रकरण की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी जताई नाराज़गी
🗨️ युवा भाजपा नेता हनुमान गुर्जर ने कहा कि
परसो सड़क पर जहां बड़े गड्ढे थे, वहां बिना गड्ढे भरे ही पेच डाल दिए गए। पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार खुलेआम मनमानी कर रहे हैं और इसकी कीमत जनता चुका रही है।
🗨️ मुकेश गोचर ने आरोप लगाया कि
भाण्ड–गंवार सड़क को विभाग ने नकारा घोषित कर रखा है, फिर भी पेचवर्क किया जा रहा है। जबकि सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है और इसे नए सिरे से बनाना चाहिए।
प्रशासन का पक्ष
प्रशासन के कुछ अधिकारियों ने सफाई देते हुए कहा कि
इस मार्ग पर वाहनों का दबाव बहुत अधिक है, जिसके चलते मरम्मत जल्दी खराब हो जाती है। ऐसे हालात में हम भी सीमित संसाधनों में ही काम कर पा रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते विभाग ने अनियमितताओं पर रोक नहीं लगाई तो क्षेत्र की सड़कें सालभर आमजन के लिए मुसीबत बनी रहेंगी। लोगों ने सड़क की स्थायी मरम्मत कर गुणवत्ता सुनिश्चित करने की मांग उठाई है, ताकि आवागमन सुचारु हो सके।


