मांडलगढ़, स्मार्ट हलचल। मातेश्वरी के हाथ में स्थित त्रिशूल के तीनो शूल सत्व, रज और तम गुणों के प्रतीक हैं. मां ने इन तीनों के संतुलन से ही सृष्टि का संचालन किया था।सर्व प्रथम वैदिक विद्वानों और बटुकों द्वारा मंत्रोच्चार कर त्रिशूल को निर्धारित स्थल पर खड़ा किया गया बाद में विधायक सुरेश धाकड़, महंत नंदकिशोर दास जी महाराज शक्तिपीठ संस्थान के अध्यक्ष सत्यनारायण जी जोशी द्वारा भूमि पूजन कर त्रिशूल की प्राण प्रतिष्ठा कर षोडशोपचार पूजन कर मातेश्वरी की आरती की जिसमे निर्धारित स्थल पर त्रिशूल की विधिवत पूजा अर्चना कर परिसर में त्रिशूल को स्थापित किया गया इस अवसर पर राम सिंह जी चुंडावत, रामेश्वर लाल गुर्जर प्रेम जी धाकड़ राजकुमार जी सेन,कन्हैया लाल जी मेवाड़ा ,सीताराम जी धाकड़, रामनारायण जी मेवाड़ा शंभू लाल जी मीणा शांतिलाल जी धाकड़, शंकर लाल की धावाई, धनराज जी छिपा ,महेंद्र कुमार सोलंकी संस्थान के पदाधिकारी गण सदस्य भक्तजन क्षेत्रवासी उपस्थित थे