शाहपुरा -मूलचन्द पेसवानी
शाहपुरा कस्बे सहित आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में सोमवार को शरद पूर्णिमा का पर्व धार्मिक उत्साह और भक्ति भाव से मनाया गया। इस अवसर पर सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्तों ने भगवान को दूध, खीर और अन्य प्रसाद का भोग लगाकर सुख-समृद्धि की कामना की।
चमना बावड़ी स्थित श्री श्री जी मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया। मंदिर के पुजारी विश्वबंधु पाठक व तेजप्रकाश पाठक ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं के साथ अमृत बरसाता है। इसी कारण श्रद्धालु इस रात घरों की छत या आंगन में खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे रखते हैं। मध्यरात्रि के बाद उस खीर का सेवन शुभ और आरोग्यदायक माना जाता है।
पुजारियों ने बताया कि शरद पूर्णिमा की अमृतमयी चांदनी से स्पर्शित खीर के सेवन से शरीर में रोगों का नाश होता है और आयु, स्वास्थ्य व समृद्धि की वृद्धि होती है। इसी परंपरा के तहत शहरवासियों ने भी अपने घरों में यह अनुष्ठान किया। कई परिवारों ने इस अवसर पर कन्याओं को आमंत्रित कर भोजन करवाया और उन्हें उपहार देकर आशीर्वाद प्राप्त किया।
श्री श्री जी मंदिर में दिनभर विशेष श्रृंगार किया गया। शाम होते ही मंदिर परिसर भक्ति संगीत, भजनों और दीपों की रौशनी से जगमगा उठा। श्रद्धालुओं ने रात्रि में चंद्र दर्शन किए और पूर्ण चांद की अमृतमयी चांदनी में स्नान समान अनुभूति प्राप्त की।
भक्तजन देर रात तक भजन-कीर्तन में लीन रहे। मंदिर के बाहर प्रसाद वितरण हुआ और श्रद्धालुओं ने मिलकर शरद पूर्णिमा के इस पावन पर्व को आनंदमयी वातावरण में मनाया।


