शक्करगढ़ पेसवानी
शक्करगढ़ स्थित श्री अमर ज्ञान निरंजनी आश्रम के संकट हरण हनुमत धाम में गुरुवार को ब्रह्मलीन संत परम पूज्य परमहंस स्वामी अमराव जी महाराज का अस्थि पूजन विधि-विधान के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर महाराज श्री के अंत्येष्टि स्थल को आकर्षक फूलों और पौधों से सजाया गया, जो दिवंगत संत के प्रति अपार श्रद्धा का प्रतीक था।
मंदिर के पुजारी संतोष उपाध्याय जी द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच महाराज श्री के प्रिय शिष्य ब्रह्मचारी नारायण चैतन्य जी ने अस्थियां एकत्र कर उनका पूजन किया। उन्होंने भावपूर्ण पुष्पांजलि अर्पित की और उपस्थित संतों एवं श्रद्धालुओं ने महाराज श्री को अपनी श्रद्धांजलि दी।
इस कार्यक्रम में महामंडलेश्वर स्वामी श्री जगदीश पुरी जी महाराज, ब्रह्मचारी आचार्य हंस चैतन्य जी, ब्रह्मचारी परमानंद चैतन्य जी, पुष्कर चैतन्य जी सहित अनेक श्रद्धालु शामिल हुए। अस्थि पूजन के बाद संकीर्तन और भजन कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें श्रद्धालुओं ने महाराज श्री के प्रति अपने भाव व्यक्त किए।
श्रद्धालुओं ने समाधि स्थल की परिक्रमा करते हुए दिवंगत संत को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी स्मृतियों को सजीव रखा। विदित हो कि परम पूज्य परमहंस स्वामी अमराव जी महाराज 3 दिसंबर को अपनी भौतिक देह त्यागकर ब्रह्मलीन हो गए थे। हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में उनकी अंत्येष्टि संकट हरण हनुमत धाम में संपन्न हुई थी। इसी समाधि स्थल पर महाराज श्री का भव्य समाधि मंदिर बनेगा।