डॉक्टरों ने कहा कि छोटे बच्चों की देखरेख में जरा सी लापरवाही
(हरिप्रसाद शर्मा)
अजमेर/स्मार्ट हलचल|अजमेर संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग में एक असामान्य मामला सामने आया, जब महज दो वर्षीय एक बच्ची ने खेलते-खेलते चांदी की पायल निगल ली। घटना के बाद बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर परिजन घबरा गए और उसे तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे।अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने प्राथमिक जांच कर बच्ची का एक्स-रे करवाया, जिसमें साफ दिखाई दिया कि पायल पेट में फंसी हुई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बच्ची को तुरंत एंडोस्कोपी थियेटर में ले जाया गया। यह जटिल प्रक्रिया विभागाध्यक्ष डॉ. एम. पी. शर्मा के मार्गदर्शन में डॉ. राजमणि, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. संजय, और नर्सिंगकर्मी कैलाश व आरती की टीम द्वारा की गई। टीम ने अत्यंत सावधानी और कुशलता के साथ एंडोस्कोपी कर पायल को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
ऑपरेशन के बाद बच्ची की स्थिति सामान्य बताई गई है और परिजनों ने राहत की सांस ली। डॉक्टरों ने बताया कि यह एक संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण मामला था, जिसमें समय पर लिए गए निर्णय और टीमवर्क ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
डॉक्टरों ने कहा कि छोटे बच्चों की देखरेख में जरा सी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है। अक्सर देखा गया है कि बच्चे धातु, प्लास्टिक या अन्य छोटी वस्तुएं खेल-खेल में निगल लेते हैं, जो जानलेवा साबित हो सकती हैं। ऐसे मामलों में घबराने की बजाय तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टरों से संपर्क करना चाहिए। जेएलएन अस्पताल का गैस्ट्रो विभाग इस तरह की आपात स्थितियों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है। चिकित्सकों ने अभिभावकों से अपील की है कि वे छोटे बच्चों को निगलने योग्य वस्तुओं से दूर रखें और किसी भी आपात स्थिति में देर न करते हुए तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें।