राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक आगामी 27 व 28 दिसम्बर को कानपुर में
भीलवाड़ा। भारतीय सिन्धु सभा की ओर से देश में सिन्धी भाषा के विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये संगठित प्रयास किये जा रहे हैं भारत सरकार सिन्धी विषय लेकर अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिय विष्वविद्यालय के माध्यम से मातृभाषा के कोर्स, शोध कार्य सहित रोजगार के कार्स प्रारम्भ करे जिससे सिन्धी भाषा, सभ्यता व संस्कृति संर्वद्धन में सफलता मिले। जिला प्रवक्ता पंकज आडवाणी ने बताया कि ऐसे विचार सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेन्द्र कुमार तीर्थाणी (अजमेर) पूज्य झूलेलाल मन्दिर, पंचवटी भीलवाडा में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में प्रकट किये। भारत सरकार द्वारा घोषित नई शिक्षा नीति के तहत संगठन की ओर से सिन्धी मातृभाषा से विद्यार्थियों को जोडने के प्रयास किये जा रहे हैं। बैठक का संचालन महामंत्री किशोर कृपलानी ने किया। इस बैठक में अध्यक्ष परमानन्द गुरनानी, ओम गुलाबानी, लक्ष्मणदास लालवानी, परमानन्द तनवानी, नरेन्द्र रामचंदानी, पुरूषोतम परयानी, बलराम सिन्धी, दीपक खूबवानी, पलक बहरवानी, दीपा मानवानी, नवीन मानवानी, सहित संगठन पदाधिकारियों, मातृशक्ति व युवा ईकाई के साथ सिन्धी शिक्षा मित्र व सुपरवाईजर उपस्थित थे।
राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक आगामी 27 व 28 दिसम्बर को कानपुर में
तीर्थाणी ने कहा कि सभा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक आगामी 27 व 28 दिसम्बर को कानपुर में आयोजित की जायेगी जिसमें प्रदेश से प्रदेशाध्यक्ष ईश्वर मोरवाणी के नेतृत्व में 17 प्रतिनिधि सम्मिलित होगें। बैठक में देश भर में चल रहे कार्यक्रमों के साथ संगठनात्मक गतिविधियों पर भी चर्चा की जायेगी। संघ के शताब्दी वर्ष में पंच परिवर्तन व घर घर सम्पर्क किया जा रहा है।
सिन्धी शिक्षा मित्र व सुपरवाईजों के साथ चर्चा
प्रदेश संगठन महामंत्री जय चंचलाणी (कोटा) ने राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद, दिल्ली के सहयोग से चल रहे सिन्धी कक्षाओं के सफल आयोजन के लिये सिन्धी षिक्षा मित्र व सुपरवाईजों के साथ चर्चा की। इस वर्ष भीलवाडा में 50 कक्षाओं में आने वाले विद्यार्थियों को मातृभाषा के ज्ञान के साथ महापुरूषों के जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही है। कक्षाओं में गीत संगीत के साथ अन्य गतिविधियों से भी युवाओं का जुडाव बढा है।


