मांडलगढ़। (केसरीमल मेवाड़ा) देश मे निरन्तर तेजी से वर्तमान समय मे सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है जिसके चलते हमारी उपजाऊ भूमि निरन्तर ऊसर होती जा रही है वही भविष्य में इसके भयावह परिणामों से इन्कार भी नही किया जा सकता है। सरकारों द्वारा इसकी रोकथाम व प्रचार प्रसार पर अधिक धन खर्च कर दिया गया था जबकि इनके प्रोडक्शन पर ब्रेक पर जिम्मेदारी से काम नही किया जाता है जिसके चलते ये कारोबार बेरोकटोक चरम पर है व हर व्यक्ति सिंगल यूज प्लास्टिक पर आश्रित होता जा रहा है। गत गहलोत सरकार द्वारा इस ओर किए गए प्रयास नाकाफी साबित हुए लेकिन वर्तमान सरकार मामले पर गम्भीरता बरते व अभी से सिंगल यूज प्लास्टिक उत्तपन्न करने वाली कम्पनियों को निशाने पर ले तो हद तक इस पर रोकथाम संभव है। सरकारें आती और जाती रहती है लेकिन गम्भीर समस्याएं जस की तस धरी रह जाती है। सरकारों को समय रहते कठोर प्रतिबंध सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग एवं उत्पादन पर लगाने होंगे बाकी एक दिन ऐसा आयेगा की धरती पर सिंगल यूज प्लास्टिक की परत सी छा जायेगी और अनाज सहित अन्य उत्पादन के लाले पड़ जायेंगे।