सुनील बाजपेई
कानपुर।स्मार्ट हलचल|सर्वाधिक सीटें देकर केंद्र और उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने में सदैव अहम भूमिका निभाने में अग्रणी कानपुर में एस आई आर की जारी कार्यवाही ने अपने दायरे से बाहर करके यहां के क्षत्रिय बाहुल्य हंसपुर गांव में हड़कंप हाहाकार मचा दिया है। लोकसभा और विधानसभा सहित अबतक के सभी चुनाव में मतदान करने में अग्रणी प्राचीनतम गांवों में सुमार हंसपुर गांव 2003 की वोटर लिस्ट से पूरा का पूरा गायब है। मतलब हंसपुर गांव की एक भी निवासी का नाम 2003 की वोटर लिस्ट में नहीं है। यही कारण है कि यहां एस आई आर की प्रक्रिया संपादित ही नहीं हो पा रही है।
उत्तर प्रदेश में हजारों की सदस्य संख्या वाले भारतीय प्रधान संगठन और क्षत्रिय जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष एस के सिंह और सुधीर सिंह कछवाह ने बताया कि खास बात यह है कि सूचित करने के बाद भी प्रशासन के अधिकारियों ने भी हंसपुर गांव के बारे में अब तक ऐसा कुछ नहीं किया है, जिससे मताधिकार के साथ ही भारतीय नागरिकता को प्रमाणित करने वाली एस आई आर की प्रक्रिया हंसपुर गांव में भी पूरी की जा सके।
भारतीय प्रधान संगठन और क्षत्रिय जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष एस के सिंह और इस बारे में समस्या के निदान के लिए अधिकारियों से लगातार गुजारिश कर रहे सुधीर सिंह कछवाह ने बताया कि लगभग 4000 की आबादी वाले हंसपुर गांवमें मतदाताओं की संख्या भी1800 2000 के आसपास है, लेकिन इनमें से हंसपुर गांव के किसी भी व्यक्ति का नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं शामिल है ,जिसे एस आई आर का आधार बनाया गया है। यही कारण है कि पूरा हंसपुर गांव एस ए आर की प्रक्रिया से अभी तक वंचित है। जिसको लेकर गांव का हर नागरिक बहुत परेशान और चिंतित है।
समाजसेवी अध्यक्ष एसके सिंह के मुताबिक इसकी सूचना संबंधित प्रशासन के अधिकारियों को भी दी जा चुकी है लेकिन इसके बाद भी एस आई आर से संबंधित कोई भी कार्रवाई हंसपुर गांव में नहीं शुरू होने से लोग परेशान है। उन्होंने इसके लिए भारत के चुनाव आयोग ,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कानपुर के जिलाधिकारी से भी जल्द प्रभावी कदम उठाए जाने की मांग की है, ताकि एस आई आर की प्रक्रिया से अबतक वंचित हंसपुर गांव को इसका लाभ मिल सके।


