बीगोद@
बीगोद कस्बे के नृसिंद्वारा मंदिर में श्रीराम मानस मंडल
की ओर से आयोजित रामलीला में कलाकारों के द्वारा सीता स्वयंवर व राम विवाह उत्सव के दृश्य का मंचन किया गया। दृश्य में दिखाया गया कि भगवान राम स्वयंवर में जैसे ही प्रवेश करते हैं सब उनके मनमोहक रूप को देखकर मोहित हो उठते हैं। स्वयंवर में महाराजा जनक घोषणा करते हुए कहते हैं कि जो भी राजा धनुष का खंडन करेगा उस राजा से अपनी पुत्री सीता का विवाह करेंगे । राजा जनक की घोषणा को सुनकर संसार के विभिन्न राज्यों से आए राजाओं ने एक-एक करके धनुष को खंडन करने का प्रयास किया लेकिन सभी राजा विफल रहे। धनुष का खंडन तो दूर कोई भी राजा धनुष को को हिला तक नहीं पाए। यह सब देखकर महाराजा जनक भरी सभा में एलान करते हैं कि विश्व में कोई भी वीर नहीं बचा जो इस धनुष का खंडन करेगा। उनकी बात को सुनकर भगवान राम के साथ मौजूद उनके भाई लक्ष्मण क्रोधित होते है। लक्ष्मण को क्रोधित होता देख भगवान राम ने उनको शांत किया। यह सब देखकर मुनि विश्वामित्र ने भगवान श्रीराम को आदेश दिया कि वह धनुष का खंडन करें ।भगवान श्री राम गुरु का आदेश का पालन करते हुए धनुष को तिनके के समान उठा कर उसका खंडन कर देते है। भगवान श्री राम के द्वारा धनुष का खंडन करते ही देवताओं के द्वारा पुष्प वर्षा के के साथ अभिनंदन किया जाता है। धनुष तोड़ने के बाद सीता ने भगवान राम के गले में जयमाला डाल दी। सभी देवी देवताओं ने पुष्प वर्षा कर दोनों को आशीर्वाद दिया।
इस दौरान मंडल के अध्यक्ष गोपाल नुवाल, कोषाध्यक्ष मदन खटीक, महेश ओझा, निरंजन चतुर्वेदी,भूपेश सिंधी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।