सुरेश नेमीवाल
दांतारामगढ़। स्मार्ट हलचल/सीकर जिले के दांतारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के रामगढ़ पंचायत के सैनिक मोहन लाल कुमावत की प्रतिमा का शुक्रवार को दांतारामगढ़ थाना बस स्टैंड सर्किल के पास प्रतिमा अनावरण समारोह का आयोजन श्री श्री 1008 रामकिशोर दास जी महाराज दोलपुरा संत सानिध्य में तथा भाजपा प्रत्याशी रहे गजानंद कुमावत की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रेमसिंह बाजोर राज्य मंत्री एवं अध्यक्ष सैनिक कल्याण बोर्ड राजस्थान सरकार तथा विरेन्द्र सिंह विधायक दांतारामगढ़, विशिष्ट अतिथि में दांतारामगढ़ उपप्रधान सुशीला कुमावत, सरपंच प्रभाती देवी, पुर्व उप प्रधान बसंत कुमावत, सुनिल राणा थे। कार्यक्रम के दौरान सर्वप्रथम अतिथियों ने विधिवत रूप से फीता काटकर शहीद सैनिक मोहन लाल कुमावत की प्रतिमा के अनावरण समारोह का शुभारंभ किया, वहीं सैनिक विश्राम गृह का लोकार्पण भी किया। समारोह प्रभारी रोहित सिरस्वा ने बताया कि सैनिक मोहन लाल का 2017 में भारतीय नौसेना में 02/2016 बेच में सिलेक्शन हुआ तथा ट्रेनिंग के बाद दूसरी पोस्टिंग आई एन एस वेंदुरठी सिग्नल स्कूल में हुई, 13 अगस्त 2020 को यहां पर ज्वाइन किया और मुख्य पीटीआई के तौर पर यहां पर अपनी तरफ से उच्चतम श्रेणी की सेवाएं प्रदान की । इस दौरान 1 अगस्त 2023 को अंतिम सांस ली । कार्यक्रम में भाजपा प्रत्याशी रहे गजानंद कुमावत ने कहा की सैनिक मोहन लाल कुमावत की प्रतिमा से युवाओं में देशप्रेम की भावना जागृत होगी। वहीं राजस्थान सरकार में राज्य मंत्री एवं अध्यक्ष सैनिक कल्याण बोर्ड प्रेमसिंह बाजोर ने कहा कि शहीद सैनिक मोहन लाल की प्रतिमा आने वाली पीढ़ी को देशभक्ति की प्रेरणा देती रहेगी तथा कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को शहीद की मूर्ति का मान सम्मान व आदर के साथ श्रृद्धांजली देनी चाहिए व प्रत्येक धार्मिक कार्यक्रम में शहीद स्मारक पर आना चाहिए क्योंकि शहीद होने वाले सैनिक देवता के समान है, जो हमारे देश की रक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर कहीं भी शहीद की मूर्ति लगी हुई मिले तो उनके सामने शीश झुकाकर प्रणाम करना चाहिए । कार्यक्रम के दौरान शहीद के पिताजी रामदेव कुमावत व माताजी तथा समारोह संयोजक सैनिक के भाई ओमप्रकाश कुमावत तथा शहीद परिवार के सदस्यों का अतिथियों द्वारा मान सम्मान किया गया। इस मोके पर सैनिक मोहन लाल कुमावत सेवा संस्थान (रजि.) के पदाधिकारी सहित काफी संख्या में महिलाएं पुरुषों , जनप्रतिनिधि, पूर्व सैनिक, एडवोकेट, समाजसेवी, पत्रकार, गणमान्यजन तथा ग्रामवासी मोजूद रहे।