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सोपुरिया विद्यालय में मौत के साये में बच्चों की पढ़ाई, परोसा जा रहा दूषित पोषाहार

ग्रामीणों की शिकायत पर सीबीईओ ने किया निरीक्षण, पोषाहार कक्ष सील
सवाईपुर ( सांवर वैष्णव ):- जहां एक और राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को दूरुस्त करने का वादा कर रही है, लेकिन क्षेत्र के गेगा का खेड़ा ग्राम पंचायत के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सोपुरिया की तस्वीरें कुछ और हकीकत बयान कर रही हैं । सोपुरिया गांव का सरकारी स्कूल है जहां फर्स पर बैठे बच्चे, हाथों में किताब और सिर पर दरार मारती पट्टियां । ये तस्वीर यह बताने के लिए काफी हैं कि यहां के सरकारी स्कूल में बच्चे किन हालातों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं । दरअसल इस स्कूल का भवन जर्जर हो चुका है । इस वजह से स्कूल के विद्यार्थी जिस कमरे में पढ़ाई करते हैं उसे कमरे की दीवारों से प्लास्टर गिर रहा है, वही बाहर दरार मारती पट्टियां के बरामदे से होकर विद्यार्थी गुजरते हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा होने का अंदेशा बना रहता है । बिल्डिंग की छत में कई जगह दरारें आ रही । बारिश के दिनों में छत टपकती, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती थी । आज गुरूवार को ग्रामीणों में विद्यालय में पहुंचकर देखा कि एक कमरे बच्चे पढ़ाई कर रहे थे, जिसकी दीवारों से प्लास्टर गिर रहा, वहीं कमरे के बाहर बरामदे की पट्टियों पर दरारें आ रही थी, वही पोषाहार में भी अनियमितता भी मिली, इसे देखकर ग्रामीण आक्रोशित हो गए और कोटड़ी मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अशोक पारीक को इसकी सूचना दी, सूचना पर कोटड़ी मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पारीक व सवाईपुर पीईईओ डॉ. प्रतिष्ठा ठाकुर मौके पर पहुंचे, जहां कमरे से पढ़ाई बंद करवा कर बरामदे से बच्चों की आवाजाही बंद करवाया और नोटिस चस्पा किया । ग्रामीणों ने बताया कि वही विद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी है, विद्यालय में 400 से अधिक का नामांकन होने पर भी सात शिक्षकों को लगा रखा, जिसमें से चार शिक्षक ही पढ़ाई करवा रहे थे ।

खराब गेहूं के पोषाहार से बच्चों की सेहत से खिलवाड़

ग्रामीण स्कूल में पहुंचे तो पोषाहार कक्ष का निरीक्षण किया, जहां लोहे के बक्से में स्टोर कर रखे गेहूं को देखकर ग्रामीण अचंभित रह गए, क्योंकि उसे गेहूं में कीड़े व झिलिया पड़ी हुई थी और गेहूं खाने के योग्य नहीं था, फिर भी स्कूल प्रशासन इस खराब गेहूं से पोषाहार बनाकर बच्चों को खिला रहा था, जिसे स्कूल प्रशासन बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहा था, सीबीओ पारीक ने पोषाहार के कक्ष को बंद कर सील कर दिया तथा जांच के लिए विभाग को अवगत करवाया ।।

अधिकारियों ने नही दिया ध्यान

ग्रामीणों ने आज गुरूवार को स्कूल में जाकर जब यह हालत देख तो ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कुछ माह पहले बच्चों व ग्रामीणों ने विद्यालय में शिक्षकों की कमी को लेकर तालाबंदी की थी, तब व इसके बाद भी सीबीओ पारीक सहित कई अधिकारियों ने विद्यालय का निरीक्षण किया, लेकिन अधिकारियों का ध्यान ने तो बरामदे की दरार मारती पट्टियों की तरह गया और ना ही पोषाहार की ओर गया, अधिकारी आते और खानापूर्ति का निरीक्षण करके चले जाते, ग्रामीणों को इसका पता चला तो ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिला ।

भामाशाह ने की एक कक्षा कक्ष निर्माण की घोषणा

विद्यालय में एसडीएमसी सदस्यों की बैठक आयोजित की, जिसमें भामाशाह चंद्रपाल सिंह राणावत ने अपनी माता ब्रज कंवर के नाम एक कक्षा कक्षा के निर्माण की घोषणा एसडीएमसी बैठक में प्रस्ताव पारित कर की ।।

इनका ये कहना

ग्रामीणों की विद्यालय में गंदगी व मिड डे मील में गड़बड़ी की तथा जर्जर बिल्डिंग में बच्चों का आवागमन की शिकायत पर विद्यालय का निरीक्षण किया, कमरे व बरामदे को बंद कर विद्यालय को निर्देशित किया, मिड डे मील का निरीक्षण किया, जिसमें गेहूं खराब हो चुके थे बिल्कुल, जांच के लिए पोषाहार के कमरे को सील कर दिया, विद्यालय प्रशासन को विद्यालय में साफ सफाई के लिए निर्देशित किया, विद्यालय में स्टाफ करने के लिए डेपुटेशन पर लगा रखे, 2-3 का स्टाफ और लगा देंगे, मिड डे मील की जांच के लिए मिड डे मील अधिकारियों को सूचना की, वो जांच करेंगे ।।
अशोक कुमार पारीक सीबीईओ कोटड़ी

पोषाहार के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है, इसके बारे में पोषाहार प्रभारी बाबेल को पता है ।

उमा त्रिपाठी प्रधानाचार्य सोपुरिया

पोषाहार के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है, मैंने दो माह पहले ही पोषाहार प्रभारी का पद छोड़ दिया, अब प्रभारी कौन है इसके बारे में प्रधानाचार्य को पता है ।

सुरेश कुमार बाबेल

हमें शिकायत मिली कि विद्यालय में शिक्षकों की कार्यशैली सही ढंग से नहीं चल रही है, प्रधानाचार्य के खिलाफ भी शिकायत थी, पटिया टूटी हुई थी फिर भी बच्चे पढ़ाई कर रहे थे, और पोषाहार में भी अनियमिताएं मिली ।

चंद्रपाल सिंह राणावत ग्रामीण

विद्यालय में शिक्षक समय पर नहीं आते, विद्यालय में स्टाफ की कमी है, जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है । पोषाहार में कीड़े चल रहे थे और गेहूं खराब हो रहे थे ।

सत्यनारायण सालवी ग्रामीण

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