soybean field day
बन्शीलाल धाकड़
बड़ीसादड़ी, चितौड़गढ़/स्मार्ट हलचल/:- महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, की स्थानीय इकाई कृषि विज्ञान केन्द्र, चितौड़गढ़ द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत गाँव कीरतपुरा (बडीसादडी) में प्रक्षेत्र दिवस सोयाबीन फसल (जे. एस. 20-98) का आयोजन किया गया। जिसमें 45 कृषक एवं कृषक महिलाओं ने भाग लिया। प्रक्षेत्र दिवस कृषक महिला – कला बाई पत्नी दिलीप सालवी के खेत पर आयोजन किया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. रतन लाल सोलंकी ने कहा कि सोयाबीन की उन्नत किस्म जे. एस. 20-98 का कीरतपुरा गाँव मे 30 कृषक महिलाओं के यहां 12 है. क्षैत्र में प्रथम पंक्ति प्रदर्शन लगाये गये। इस प्रदर्शन में बीज उपचार ट्राइकोड्रमा (जैविक फफुंदनाशक) राइजोबियम व पीएसबी कल्चर से किया गया । यह किस्म में 96 से 105 दिन में पकती है तथा प्रति हेक्टेयर 25 से 28 क्विंटल पैदावार देती है। डॉक्टर सोलंकी ने बताया कि फसलों में उन्नत तकनीकी अपना कर उत्पादकता बढ़ाने हेतु समय-समय पर मिट्टी की जांच कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड की सिफारिश के अनुसार संतुलित मात्रा में खाद एवं उर्वरक का उपयोग तथा समय पर फसल में कीट नियंत्रण कर अधिक पैदावार कृषक ले सकता है तथा किसानों को निवेदन है कि यह किस्म जे एस. 20- 98 अधिक पैदावार देने वाली किस्म है, अतः अगले वर्ष इससे अधिक से अधिक क्षेत्र में इस किस्म को बीज के रूप में बुवाई करके पैदावार बढ़ा सके। श्रीमती दीपा इन्दौरिया, कार्यक्रम सहायक ने कहा कि मिलेट्स शरीर में स्थित अम्लता यानी एसिड दूर करता है। एसिडिटी के कई नुकसान होते हैं। – इसमें विटामिन बी 3 होता है जो शरीर की मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को ठीक रखता है. जिससे कैंसर जैसे रोग नहीं होते हैं। मिलेट्स ब्लड में मौजूद ट्राईग्लिसराइड को नियंत्रित करता हैं, लो बीपी, दिल का दौरा, डायबिटीज, स्ट्रोक, गठिया के दर्द इत्यादि रोगों को कम करने में मदद भी करता है। श्री संजय कुमार धाकड, कार्यक्रम सहायक ने किसानो को कहा कि पौध संरक्षण में पीलापन के लिये इमिडाक्लोप्रिड रसायन का छिड़काव एवं पत्ती धब्बा रोग होने पर कार्बेन्डजम 50 डब्लू.पी. का छिड़काव करने के बारे में विस्तार से बताया। अन्त में कार्यक्रम सहायक श्री धाकड़ ने प्रक्षेत्र दिवस में उपस्थित सभी कृषक एवं कृषक महिलाओं को धन्यवाद ज्ञापित किया।