(बिन्टू कुमार)
नारायणपुर |स्मार्ट हलचल/ कस्बे का आदर्श सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों बदहाल व्यवस्था और लापरवाही का प्रतीक बनता जा रहा है। अस्पताल परिसर अब मरीजों के लिए नहीं, बल्कि आवारा पशुओं की शरणस्थली बन गया है। शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे अस्पताल परिसर के अंदर एक आवारा सांड बैठा हुआ मिला, जिसने सरकारी चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल दी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में सुविधाओं के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाई जा रही है। खासकर रात्रिकालीन समय में न तो मरीजों के लिए कोई समुचित सुविधा उपलब्ध है और न ही अस्पताल में कोई सुरक्षा गार्ड तैनात रहता है। ऐसे में रात के समय अस्पताल परिसर आवारा पशुओं के लिए खुले मैदान में तब्दील हो चुका है।
ग्रामीणों ने इस स्थिति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि एक ओर सरकार अस्पतालों को ‘आदर्श’ बनाने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी हकीकत इसके उलट नज़र आती है। अस्पताल प्रशासन की इस लापरवाही के कारण मरीजों की सुरक्षा और स्वास्थ्य दोनों खतरे में पड़ गए हैं।
इस मामले को लेकर जब सीएचसी प्रभारी डॉ. पूरण मल चौधरी से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कोई भी जवाब देने से इनकार कर दिया। अस्पताल प्रबंधन की चुप्पी और असंवेदनशीलता को लेकर कस्बेवासियों में रोष व्याप्त है।