संजय चौरसिया
हरनावदाशाहजी. स्मार्ट हलचल|क्षेत्र में गाँव देवरी मूंड के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय परिसर में स्कूली बच्चे धूप में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हो रहे हैं। झालावाड़ जिले के पिपलौदी गांव में हुए स्कूल हादसे के बाद सकते में आए जिला प्रशासन ने आनन फानन में कई विद्यालय भवनों को अयोग्य घोषित कर बच्चों को अन्यत्र या खुले स्थानों पर शिफ्ट तो कर दिया, लेकिन अब तक कोई माकूल बंदोबस्त नहीं किए। इससे सुबह दस बजे की पारी में चल रहे स्कूलों के बच्चों के लिए खुली जगहों की तेज धूप झेल पाना मुश्किल होने लगा है। ऐसे में बीमार होते बच्चों को लेकर चिंतित छीपाबड़ौद उपखंड क्षेत्र के देवरी मूंड गांव के लोगों ने मंगलवार को स्कूल का ताला लगाकर नया भवन बनवाने की मांग की। गांव में बना विद्यालय भवन काफी जर्जर हालत में है। इसको लेकर ग्रामीण व शिक्षक कई बार मरम्मत के लिए लिख चुके है। लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। झालावाड़ जिले के स्कूल हादसे के बाद करीब दो महिने पहले यहां आए सार्वजनिक निर्माण विभाग के एक अधिकारी ने भवन को अयोग्य ठहराते हुए स्कूल भवन सीज करवा दिया था। तब शिक्षकों को खुले में विद्यालय चलाने के निर्देश दिए गए। जबकि बरसात होने पर छुट्टी करने को कहा गया था। देवरी मूंड निवासी केवल मीना सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि अब तक तो बच्चे जैसे-तैसे पढ रहे थे लेकिन दस बजे के स्कूल होने के बाद से तेज धूप में बैठकर पढना बच्चों के लिए कष्टकारी हो रहा है। ऐसे में कुछ बच्चे तो बीमार तक हो गए। इससे नाराज होकर ग्रामीणों ने मंगलवार को स्कूल के मुख्य दरवाजे पर ताला लगाकर नारेबाजी की। हालांकि बाद में पीईईओ देवेंद्र नागर की समझाइश के बाद ग्रामीण राजी हुए जब स्कूल खुला। हालांकि यहां पर बच्चों को बैठने के लिए छाया के वैकल्पिक व्यवस्था का आश्वासन दिया गया है।


