माण्डलगढ़। स्मार्ट हलचल|आर.एन.टी. विधि महाविद्यालय, चित्तौड़गढ़ द्वारा पांच दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण जोधपुर उच्च न्यायालय, जैसलमेर, लोंगेवाला और तनोट माता मंदिर तक आयोजित शैक्षणिक भ्रमण विधि विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी, प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक सिद्ध हुआ। महाविद्यालय के प्रबंध निदेशक डॉ. वसीम ख़ान एवं कॉलेज समन्वयक गौरव त्यागी ने यात्रा को सफल बनाने में योगदान देने वाली समस्त फैकल्टी की सराहना की। विधि व्याख्याता जफ्फर हुसैन वैलिम ने बताया कि इस भ्रमण में विधि त्रि वर्षीय, विधि स्नातकोत्तर तथा डी.एल.एल. के विद्यार्थियों ने भाग लिया। भ्रमण का मुख्य आकर्षण माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर का विशेष दौरा रहा, जहाँ विद्यार्थियों ने न्यायिक प्रणाली की संरचना, सुनवाई की प्रक्रिया, अधिवक्ताओं की कार्यशैली एवं न्यायाधीशों की न्यायिक दृष्टि का प्रत्यक्ष अवलोकन किया। इस दौरान माननीय न्यायाधिपति मनोज कुमार गर्ग, अध्यक्ष किशोर न्याय समिति, माननीय न्यायाधिपति फरजंद अली से औपचारिक भेंट कर विद्यार्थियों ने न्याय व्यवस्था, न्यायालय की गरिमा, विधि शिक्षा के महत्व तथा युवा विधि विद्यार्थियों की भूमिकाओं पर सारगर्भित चर्चा की और न्यायाधिपतियों को महाविद्यालय की ओर से स्मृति–चिह्न प्रदान किए गए तथा माननीय न्यायाधिपति मुन्नारी लक्ष्मण को भी स्मृति–चिह्न प्रेषित किया गया। भ्रमण के दौरान उप-पंजीयक एवं न्यायालय प्रशासन के अधिकारियों ने विद्यार्थियों को दस्तावेज़ प्रबंधन, कोर्ट प्रोटोकॉल, तकनीकी प्रक्रियाओं एवं न्यायालय की प्रशासनिक व्यवस्थाओं से अवगत कराया, वहीं सहायक रजिस्ट्रार श्री राजेन्द्र सिंह भाटी के सरल व्यवहार ने विद्यार्थियों को विशेष रूप से प्रभावित किया। किशोर न्याय समिति के वरिष्ठ सलाहकार श्री राकेश कुमार चौधरी ने किशोर न्याय अधिनियम, बाल संरक्षण कानूनों एवं पुनर्वास प्रक्रियाओं की संवेदनशीलताओं पर विस्तृत जानकारी दी, जबकि बाल सचिवालय में एम.आई.एस. असिस्टेंट कृष्णा वैष्णव ने डिजिटल केस–प्रबंधन प्रणाली एवं न्यायिक प्रक्रियाओं में तकनीक की भूमिका को सरल रूप में समझाया। उच्च न्यायालय स्टाफ, उप-पंजीयक डॉ. अनिल कुमार अरोड़ा, डॉ. घनश्याम सहित कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने भी विद्यार्थियों को न्याय प्रक्रिया के व्यावहारिक पक्षों से अवगत कराया। उच्च न्यायालय भ्रमण के पश्चात विद्यार्थियों ने जोधपुर के गौरव—मेहरानगढ़ किले का दौरा कर मारवाड़ की सांस्कृतिक विरासत एवं स्थापत्य वैभव का अवलोकन किया। आगे जैसलमेर में विद्यार्थियों ने विश्व प्रसिद्ध जैसलमेर किला, गड़ीसर सरोवर, पटवों की हवेली तथा अन्य ऐतिहासिक स्थलों का अवलोकन किया, जहाँ की स्वर्णिम स्थापत्य शैली ने सभी को विशेष रूप से प्रभावित किया। इसके पश्चात लोंगेवाला पहुँचकर विद्यार्थियों ने 1971 के भारत–पाक युद्ध से जुड़े युद्धस्थल, टैंकों, हथियारों और वीर सैनिकों की गाथाओं को सजीव रूप से देखा तथा सीमा सुरक्षा बल के जवानों से संवाद कर भारतीय सेना के साहस और त्याग को महसूस किया। अंतिम चरण में तनोट माता मंदिर पहुँचकर विद्यार्थियों ने युद्धकाल में मंदिर के चमत्कारी रूप से सुरक्षित रहने की प्रेरक कथा जानकर ऐतिहासिक और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त किया। पूरे भ्रमण के दौरान उप-प्राचार्य डॉ. प्रभा भाटी, व्याख्याता जफ्फर हुसैन वैलिम, सहायक आचार्य अमित कोहली, गजेंद्र जोशी एवं सोनिया राजोरा विद्यार्थियों के साथ रहे और उनके मार्गदर्शन में संपूर्ण यात्रा सुरक्षित, अनुशासित तथा पूर्णतः शैक्षणिक वातावरण में सम्पन्न हुई। भ्रमण के समापन पर विद्यार्थियों ने महाविद्यालय प्रशासन एवं शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि न्यायालय की प्रत्यक्ष कार्यवाही को देखने, माननीय न्यायाधीशों से मिलने तथा देश के ऐतिहासिक व सीमावर्ती क्षेत्रों का अवलोकन करने का यह अनुभव उनके जीवन की अमूल्य और अविस्मरणीय सीख बनकर सदैव प्रेरणा देता रहेगा।


