भारत में हर वर्ष 1 लाख कॉर्नियल प्रत्यारोपण की ज़रूरत, केवल 40% ही पूरे — डा.के के कंजोलिया
नेत्रदान से बढ़ेगा जीवन में उजाला : आरटीयू में 40वें राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े पर सेमिनार
कोटा।स्मार्ट हलचल|नेत्रदान के महत्व पर जागरूकता फैलाने और प्रत्यारोपण हेतु कॉर्निया की कमी को पूरा करने के उद्देश्य से आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान (EBSR) की ओर से बुधवार को राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (RTU) में जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। सचिव सुरेश सेदवाड़ ने बताया कि यह कार्यक्रम 40वें राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े (25 अगस्त से 8 सितंबर) के अंतर्गत आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलगुरु प्रो. एस.के. सिंह ने की। इस अवसर पर डॉ. के.के. कंजोलिया और डॉ. महेश पंजाबी ने तकनीकी प्रजेंटेशन के माध्यम से नेत्रदान और कॉर्नियल ट्रांसप्लांटेशन की प्रक्रिया विस्तार से समझाई।
डॉ. कंजोलिया ने बताया कि वर्तमान में भारत में लगभग 1.1 मिलियन लोग कॉर्नियल अंधत्व से पीड़ित हैं, जिनमें से करीब 60% बच्चे 12 वर्ष से कम आयु वर्ग के हैं। प्रतिवर्ष 25,000 नए मामले सामने आते हैं, जबकि देश में प्रतिवर्ष एक लाख से अधिक कॉर्नियल प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है। इसके मुकाबले केवल 25,000 से 40,000 ही प्रत्यारोपण हो पाते हैं। कुलगुरु प्रो. एस.के. सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा— “हमारे मरने के बाद नेत्र किसी और की जिंदगी में उजाला भर सकते हैं। इसलिए समाज में अधिक से अधिक लोगों को नेत्रदान के लिए प्रेरित करना हम सभी का कर्तव्य है।”
सचिव सुरेश सेदवाड़ ने बताया कि EBSR कोटा चैप्टर लगातार जागरूकता फैलाने में सक्रिय है। उन्होंने चैप्टर की गतिविधियों की जानकारी दी और समाज में नेत्रदान के प्रति बढ़ती स्वीकार्यता पर प्रकाश डाला।
समाजसेवी जी.डी. पटेल ने कहा कि इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य नेत्रदान से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना और जनमानस में वैज्ञानिक जानकारी के आधार पर जागरूकता फैलाना है। कार्यक्रम में डीन प्रो. डी.के. यादव, EBSR कोटा चैप्टर के पदाधिकारी अध्यक्ष डॉ. के.के. कंजोलिया, सचिव सुरेश सेदवाड़, डॉ. अमित राठौड़,समाजसेवी जी.डी. पटेल, नीरज श्रीवास्तव,अनिता चौहान,टेक्निशियन टिंकू ओझा सहित बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित रहे।इस जागरूकता कार्यक्रम में लगभग 285 इंजीनियरिंग विद्यार्थी तथा विश्वविद्यालय का शिक्षकीय एवं प्रशासनिक स्टाफ मौजूद रहा।


