कर लिया था सुसाइड का इरादा…दो मिनट की काउंसलिंग से बदली जिंदगी
शशिकांत शर्मा
स्मार्ट हलचल ,भरतपुर|पिछले कुछ सालों से लाइफ स्टाइल में आए बदलाव व टेंशन के कारण अवसाद रोगियों की संख्या बढ़ रही है। डब्लूएचओ के सर्वे में स्पष्ट बताया है कि पांच में से एक व्यक्ति एंजाइटी और डिप्रेशन से ग्रसित है। भारत में 56 करोड़ लोग अवसाद से ग्रसित हैं। इसमें से प्रत्येक वर्ष दो लाख से अधिक लोग अपनी जान ले लेते हैं। ऐसे में राजकीय आयुर्वेद एवं योग प्राकृतिक चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध चिकित्सालय ने एक पहल की। जहां डॉक्टरों की टीम ऐसे अवसाद ग्रस्त मरीजों की काउंसलिंग करती है और उनका उपचार करती है। चिकित्सालय के उपाधीक्षक डॉ. चन्द्रप्रकाश दीक्षित ने बताया कि मानसिक रूप से समाज में पनप रहे नकारात्मक प्रभाव से बचाव के लिए मानसिक स्वास्थ्य संवर्धन सेवा प्रकल्प शुरू किया है।
इसमें प्राचार्य एवं अधीक्षक डॉ. रीना खंडेलवाल के निर्देशन में डॉ. यशपाल सिंह डॉ. मुकेश मीणा, डॉ. नूपुर सिंह डॉ. ललिता मीणा को शामिल कर एक चिकित्सकीय टीम बनाई गई है, जो कि एंजाइटी और डिप्रेशन जैसी स्थिति से निपटने के लिए नियमित काउंसलिंग, नियमित योग व्यायाम, जीवनशैली में बदलाव, पारिवारिक वातावरण में बदलाव आहार विषयक अध्ययन, दिमाग के लिए पौष्टिक औषधि व्यवस्था के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य संवर्धन के लिए स्कूल, कॉलेजों में व्याख्यान और प्रदर्शनी लगाकर ऐसे प्रयास शामिल किए गए हैं। जिनसे इस दिशा में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके।