राज्य सरकार से कच्ची बस्ती में बुनियादी सुविधाएं विकसित
*सरकार बदल जाने के कारण पट्टे की नई दर को लेकर नई सरकार में अभी तक निर्धारण नहीं
*नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री के नाम सौंपा पुनः स्मरण मांग
(हरिप्रसाद शर्मा)
पुष्कर/ अजमेर/स्मार्ट हलचल|राज्य सरकार द्वारा आयोजित शहर सेवा शिविर में गुरुवार को पुष्कर शहर में स्थित सात सर्वेशुदा व डीनोटिफाइड कच्ची बस्तियां जहां गत तीस से चालीस वर्षों से लगभग 1500 गरीब परिवार अपना मकान बनाकर निवास कर रहे है। राज्य सरकार द्वारा पुष्कर ,नाथद्वारा, जैसलमेर,माउंट आबू आदि शहरों में कच्ची बस्ती को पट्टा दिए जाने पर रोक लगा रखी है ।जिसके कारण वाशिंदों को आज तक भूमि अधिकार पट्टों से वंचित रहना पड़ रहा था ।मगर गत दो वर्ष पूर्व सामाजिक कार्यकर्ता अरुण पाराशर व बस्ती वासियों,जागरूक पार्षदों ने राज्य सरकार से कच्ची बस्ती में बुनियादी सुविधाएं विकसित हो जाने के सबूत पेश कर बस्तियों का सर्वे करवा कच्ची बस्ती का गजट नोटिफिकेशन करवा है ।फिर भी इन्हें डिनोटिफाइड घोषित करवाया गया तत्पश्चात परिषद ने कैंप के माध्यम से 941 परिवारों का सर्वे कर आवेदन जमा किए ।उनमें से 857 परिवारों को पट्टे का हकदार मानते हुए सात में से दो बस्तियों की प्रथम चरण में लगभग 105 पत्रावलियां राज्य सरकार को राजकीय भूमि नियमन स्वीकृति के लिए परिषद ने अपने पत्र क्रमांक 2214 दिनांक 11/09/23 के माध्यम से भिजवाया गया ।तब से लेकर आज दिन तक राज्य सरकार द्वारा अपने यहां लंबित पत्रावलियां का निस्तारण नहीं किया गया ।इसका कारण यह बताया गया कि पूर्व में 110 वर्गगज से 200 वर्गगज के अतिरिक्त कब्जेशुदा भाग के क्षेत्र की आरक्षित दर अथवा डी एल सी दर जो भी कम हो की 10 प्रतिशत की दर पर पट्टे दिए जाएंगे तय था l लेकिन सरकार बदल जाने के कारण पट्टे की नई दर को लेकर नई सरकार में अभी तक निर्धारण नहीं होने से आज तक डिनोटिफाइड कच्ची बस्ती वाशिंदों को पट्टे दिए जाने का मामला अटका पड़ा है ।इसे लेकर ही आज कच्ची बस्ती वाशिंदों व सामाजिक कार्यकर्ता अरुण पाराशर एवं पूर्व पार्षद जय नारायण दगदी तथा पार्षद प्रतिनिधियों बैजनाथ पाराशर, नारायण दायमा,संजय दगदी ,गोपाल तिलोनिया,गौरव दगदी, जगदीश कुमावत आदि अनेक लोगों ने शहरी सेवा शिविर में प्रशासक एवं उपखंड अधिकारी व आयुक्त नगर परिषद से मिलकर विस्तृत तथ्यों सहित नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री के नाम पुनः स्मरण पत्र सौंप कर पट्टे दिए जाने की ,नई दर निर्धारण करवा डिनोटिफाइड कच्ची बस्ती के गरीब परिवारों को भूमि अधिकार का पट्टा देकर राहत प्रदान किए जाने की मांग की गई ।जिस पर अधिकारियों ने इस सम्बन्ध में जल्दी ही राज्य सरकार से मार्ग दर्शन लेकर पट्टे दिए जाने के लिए आश्वस्त किया गया।