दुबई लिंक के बाद अब तहव्वुर राणा के वॉयस सैंपल लेने की तैयारी
राणा की मंजूरी जरूरी; हेडली की मदद करने वाले ‘इम्प्लॉई बी’ को सामने बिठाकर होगी पूछताछ
मुंबई / आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के वॉयस सैंपल लिए जा सकते हैं। NIA पता लगाएगी कि क्या तहव्वुर नवंबर 2008 के हमलों के दौरान फोन पर निर्देश (इंस्ट्रक्शन) दे रहा था। वॉयस सैंपल लेने के लिए तहव्वुर की सहमति जरूरी होगी। एनआईए की पूछताछ में तहव्वुर राणा बहुत सहयोग नहीं कर रहा है और सीमित जानकारी ही दे रहा है। तहव्वुर राणा को एनआईए मुख्यालय में रखा गया है, जहां विशेष टीम द्वारा ही राणा से पूछताछ की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार को NIA की पूछताछ में एक ‘कर्मचारी बी’ का नाम आया है, इसने राणा के कहने पर हेडली के लिए ऑपरेशन और लॉजिस्टिक में मदद की थी। अब NIA राणा और ‘कर्मचारी बी’ को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करेगी।एजेंसी के मुताबिक ‘कर्मचारी बी’ को आतंकी साजिश की जानकारी नहीं थी। वह सिर्फ राणा के निर्देश पर हेडली के लिए रिसेप्शन, ट्रांसपोर्ट, ठहरने की जगह और ऑफिस की व्यवस्था करता था। डेविड हेडली मुंबई हमले का मास्टरमाइंड था।10 अप्रैल को तहव्वुर को स्पेशल विमान से अमेरिका से भारत लाया गया था। इसके बाद उसे 18 दिन की NIA कस्टडी में भेजा गया है। कस्टडी के दौरान NIA रोजाना राणा से पूछताछ की एक डायरी तैयार करेगी।
तहव्वुर राणा का वॉइस सैंपल लिया जाएगा
साथ ही एनआईए तहव्वुर राणा के वॉइस सैंपल लेने की भी तैयार कर रही है ताकि उन वॉइस सैंपल से यह पता चल सके कि मुंबई हमले के वक्त तहव्वुर राणा तो आतंकियों के संपर्क में नहीं था। मुंबई हमले में 166 लोगों की जान चली गई थी। हालांकि वॉइस सैंपल लेने के लिए तहव्वुर राणा का सहमति जरूरी है। अगर राणा सैंपल देने से इनकार कर देता है तो एनआईए को सैंपल लेने के लिए अदालत की मंजूरी लेनी होगी। हालांकि एनआईए चार्जशीट में अगर तहव्वुर राणा के वॉइस सैंपल नहीं देने की बात को भी दर्ज करेगी तो इससे बाद में तहव्वुर राणा की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
पूछताछ में हुआ ये खुलासा
तहव्वुर राणा को सेना की नौकरी से बेहद प्यार था। इसी दौरान वह आईएसआई के संपर्क में आया और फिर लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठन से जुड़ा। जब आईएसआई और लश्कर ए तैयबा के प्रतिनिधियों की बैठक होती थी तो तहव्वुर राणा अक्सर उनमें सेना की वर्दी पहनकर पहुंचता था। तहव्वुर राणा ने बताया कि वह अक्सर आतंकी संगठनों के कैंपों का दौरा करता था। मुंबई हमले के एक और मुख्य साजिशकर्ता साजिद मीर के संपर्क में भी तहव्वुर राणा था। रिपोर्ट्स के अनुसार, राणा के लश्कर ए तैयबा के साथ ही हरकत उल जिहाद अल इस्लामी आतंकी संगठन के साथ भी संबंध थे। तहव्वुर राणा ने मेडिकल की डिग्री हासिल की है और पाकिस्तानी सेना की मेडिकल कोर में नौकरी कर चुका है। सेना छोड़ने के बाद साल 1997 में वह कनाडा में बस गया। तहव्वुर राणा की पत्नी भी एक डॉक्टर है, जिसका नाम समराज राना अख्तर है। कनाडा में तहव्वुर राणा ने इमीग्रेशन कंसल्टेंसी फर्म की शुरुआत की। इमीग्रेशन फर्म के जरिए ही तहव्वुर राणा ने डेविड हेडली को भारत का वीजा दिलाने में मदद की थी।
तहव्वुर ने प्रत्यर्पण रोकने के लिए 33 बीमारियों का हवाला दिया था
भारत प्रत्यर्पण से बचने के लिए राणा ने अमेरिकी विदेश विभाग को 21 जनवरी को लेटर लिखा था, जिसमें 33 बीमारियों और भारत में टॉर्चर का हवाला दिया गया था। उसके वकील ने लिखा था कि राणा को पार्किंसन्स, दिल की बीमारी, किडनी खराबी, अस्थमा, टीबी और ब्लैडर कैंसर सहित कई गंभीर बिमारियां हैं।
साथ ही उसने दावा किया था कि राणा को भारत में मुस्लिम और पाकिस्तानी मूल का होने की वजह से प्रताड़ना झेलनी पड़ सकती है। लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग ने 11 फरवरी को जवाब देते हुए इन दावों को खारिज किया और कहा कि प्रत्यर्पण सभी अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार होगा।
भारत में हुई थी खतरनाक प्लानिंग
पूछताछ में ये भी सामने आया है कि तहव्वुर राणा ने भारत में लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल-जिहाद-इस्लामी जैसे आतंकी संगठनों की मदद से कई खतरनाक प्लान तैयार किए थे। वह इन योजनाओं को पाकिस्तानी आर्मी और ISI के साथ मिलकर आगे बढ़ा रहा था।
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से क्या कनेक्शन?
तहव्वुर राणा से सुरक्षा एजेंसी से जुड़े अधिकारियों ने शनिवार को लगातार दूसरे दिन पूछताछ की।पूछताछ में जांच एजेंसी अंडरवर्ल्ड डॉन और डी कंपनी के मालिक दाऊद इब्राहिम से तहव्वुर राणा के संभावित संबंध की जांच कर रही है।सूत्रों के मुताबिक राणा और हेडली के बीच फोन कॉल पर बातचीत की रिकॉर्डिंग को भी खंगाला जा रहा है जिससे हमले की योजना और साजिश के पीछे छिपे अन्य लोगों के बारे में पता करने में जुटी है।
तहव्वुर राणा को लेकर 3 जरूरी बातें
- राणा को NIA मुख्यालय, लोधी रोड में हाई-सिक्योरिटी ग्राउंड फ्लोर की 14×14 फीट की सेल में रखा गया है। वह सुसाइड वॉच पर है और उस पर 24 घंटे गार्ड्स और सीसीटीवी से निगरानी रखी जा रही है। उसे केवल सॉफ्ट टिप पेन ही दिया गया है, जिससे वह खुद को नुकसान न पहुंचा सके।
- राणा ने ‘दुबई मैन’ का नाम लिया है, जिसे हमले की पूरी प्लानिंग पता थी। एजेंसी को शक है कि यह व्यक्ति पाकिस्तान और दुबई के बीच नेटवर्क संभालता था और हमलों की फाइनेंसिंग, लॉजिस्टिक सपोर्ट में अहम भूमिका निभा रहा था।
- ये भी पता चला है कि राणा का पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से भी करीबी संपर्क था और उसे पाकिस्तानी सेना की वर्दी से खास लगाव था। NIA ने पहले दिन शुक्रवार को 3 घंटे पूछताछ की। एजेंसी ने बताया कि वह कोऑपरेट नहीं कर रहा है। NIA की कोशिश है कि तहव्वुर के परिवार और दोस्तों के बारे में जानकारी जुटाई जा सके।