करेड़ा। राजेश कोठारी
टपकती छतें, जर्जर भवन फिर भी खामोश प्रशासन क्या हादसे का इंतजार कर रहा प्रशासन …? खैर जो भी हो हम बात कर रहे कस्बे सहित उप खंड क्षेत्र के सरकारी स्कूलों की जहां बारिश के मौसम में अधिकांश स्कूलों की छतों से कमरों में पानी टपक रहा है तो कही कमरे जर्जर हो रहें हैं जहां बैठाकर शिक्षक बच्चों को बैठाकर किस तरह से पढा रहे हैं ये सोचनीय विषय है इतना ही नहीं टपकती छतों व जर्जर कमरों में बैठकर पढ़ने वाले बच्चों में हर समय हादसे का डर बना रहता है की कहीं अनहोनी घटना ना हो जाए। विडम्बना देखिए इन जर्जर कमरों व टपकती छतों को लेकर अधिकारियों को भी कई बार अवगत कराया गया मगर अभी तक इनके कानों में जूं तक नहीं रेंगी जिससे ऐसा लगता है कि शायद अधिकारी किसी हादसे का इंतजार तो नहीं कर रहे हैं …? वहीं दूसरी ओर इन कमरों को देख कर अभिभावक भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं। जिस तरह से झालावाड़ जिले मे स्कूल की घटना के बाद तो बच्चों व अभिभावकों में इस तरह का डर है कि बिल्डिंग तो वहां गिरी लेकिन इसका खौफ यहां दिख रहा है। इधर ग्रामीणों का कहना है कि झालावाड़ जिले की घटना के बाद प्रशासन कोई क़दम उठाता है या नहीं या फिर ठाक के तीन पात पात जैसे ही हालात होगे खैर जो भी हो ये तो आने वाला समय ही बताएगा … ?
आखिर जिम्मेदारी किसकी …
करेड़ा।
मेरा नाम करेगा रोशन ,जग में मेरा राज दुलारा ये गाने की पंक्ति हर माता-पिता को उस वक्त जेहन में आता है जब उसे स्कूल में दाखिला करवाते हैं लेकिन वहां के सिस्टम को देख कर कौन सुने किसको सुनाएं वाले गाने की पंक्तियां याद आ जाती है। इससे ऐसा लगता है कि जब तक सिस्टम में बदलाव नहीं होगा तब तक शायद कुछ नहीं हो सकता सिस्टम में बदलाव लाकर जिम्मेदारों को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए जिससे अनहोनी घटना को रोका जा सके।
जिला कलेक्टर ने रिपोर्ट मांगी है जल्द रिपोर्ट भेजेंगे संस्था प्रधानों को भी निर्देश दिए कि बारिश के मौसम में बच्चों का विशेष ध्यान रखें ।
जयनारायण सिंह,( सीबीओ ) , करेड़ा