भीलवाड़ा । शाहपुरा के तसवारिया बांसा राजकीय आयुर्वेद औषधालय में धनतेरस के अवसर पर रविवार को आयुर्वेद चिकित्सा के जनक भगवान धनवंतरी की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस मौके पर प.बृजेश शर्मा के सानिध्य में आयुर्वेद चिकित्सा से जुड़े चिकित्सकों और बुद्धीजीवियों ने भगवान धनवंतरी की पूजा अर्चना कर विश्व कल्याण के लिए प्रत्येक व्यक्ति को निरोग रखने की कामना की। इस अवसर पर स्वास्थ्य ही धन है, का संदेश भी दिया गया । इस अवसर पर चिकित्साधिकारी प्रभारी डॉ विनीत कुमार जैन ने बताया कि आयुर्वेद दुनिया की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति है, जिसमें रोगों को जड़ से खत्म करने की शक्ति है उन्होंने यह भी कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में जो व्यवस्थाएं सदियों से चली आ रही हैं, आज की तमाम आधुनिक पद्धतियां उन्हीं की खोज में हैं। आयोजन में बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य आयुर्वेद के महत्व को बढ़ावा देना और लोगों को इसके लाभों से अवगत कराना व आयुर्वेद एक पारंपरिक और प्रभावी चिकित्सा पद्धति है जो शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है। यह कार्यक्रम आयुर्वेद के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसके महत्व को उजागर करने में सफल रहा। इस अवसर पर नर्स कमलेश कुम्हार एवं परिचारक रामसुखी देवी एवं कई ग्रामीण उपस्थित रहे


