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शिक्षक ज्ञान का संचार कर,छात्रों के जीवन में प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्रोत भी बनते हैं – मदन मोहन भास्कर

शिक्षक दिवस पर विशेष आलेख


शिक्षक ज्ञान का संचार कर,छात्रों के जीवन में प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्रोत भी बनते हैं – मदन मोहन भास्कर

 

लेखक-

मदन मोहन भास्कर
हिण्डौन सिटी, करौली

स्मार्ट हलचल/भारत में शिक्षक दिवस हर वर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति,महान शिक्षाविद और दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के रूप में मनाया जाता है। शिक्षक दिवस का मुख्य उद्देश्य हमारे जीवन में शिक्षकों के महत्वपूर्ण योगदान को सम्मानित करना और उनकी महत्ता को दर्शना है। शिक्षक ही वो स्तंभ हैं जो हमें सही राह दिखाते हैं और जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने में हमारी मदद करते हैं। इस दिन, सभी अपने शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और उनके द्वारा दी गई शिक्षाओं का आदर करते हैं, जो हमारे भविष्य को उज्ज्वल बनाती हैं।

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है ?

डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन महान शिक्षाविद,विद्वान, और दार्शनिक थे,जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान दिया।उनका सम्पूर्ण जीवन समाज को शिक्षित करने और युवाओं में राष्ट्रवाद के भाव को पैदा करने में बीता। उन्ही के संघर्षों को सम्मानित करने और इस दिन राष्ट्र के मार्गदर्शक श्रेणी में खड़े शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस के दिन देशभर में स्कूल, कॉलेज, हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट से लेकर कोचिंग सेंटर्स आदि में डॉ.राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि देकर,शिक्षक दिवस को मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस के अवसर पर छात्र अपने शिक्षकों को बधाई संदेश, कार्ड और गिफ्ट देकर उनकी सराहना और आभार प्रकट करते हैं।

शिक्षक दिवस का इतिहास

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव के मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन बचपन से ही किताबें पढ़ने के शौक़ीन थे, डॉ. राधाकृष्णन के ही जन्मदिन के शुभावसर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। भारत में शिक्षक दिवस को पहली बार 5 सितंबर 1962 में मनाया गया था। जीवन भर भारत के युवाओं को शिक्षित करने वाले डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का 17 अप्रैल 1975 को चेन्नई में निधन हुआ था। शिक्षक दिवस का महत्व सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है। दुनिया के अन्य देशों में भी शिक्षक दिवस मनाया जाता है, हालांकि तिथियां और मनाने के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं। भारत में इस दिन को विशेष रूप से स्कूलों, कॉलेजों और विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में उत्सव और कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है। छात्र अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों, भाषणों, और विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं। कई बार छात्र इस दिन शिक्षकों की भूमिका निभाते हैं, जिससे उन्हें शिक्षकों के काम की गंभीरता और कठिनाई का अनुभव हो सके।

शिक्षक दिवस से सीखने योग्य बातें

शिक्षक का जीवन जटिलता और अनेकों चुनौतियों से भरा रहता है, आप शिक्षक से संघर्षशील बनना सीख सकते हैं। शिक्षक अनुशासन का पर्याय होता है, विद्यार्थी जीवन में अपने शिक्षक से अनुशासित रहना सीख सकते हैं। शिक्षक राष्ट्रनिर्माण में अपना जीवन खपा देता है। आप शिक्षक से राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ भाव से समर्पित रहना सीख सकते हैं। शिक्षक समय का पाबंद होता है, आप शिक्षक से समय की कीमत करना सीख सकते हैं। शिक्षक सकारात्मकता का प्रकाश पुंज होता है, जो समाज को अपने ज्ञान से प्रकाशित करता है। आप शिक्षक से सकारात्मक रहना सीख सकते हैं।

शिक्षक दिवस मनाए जाने के उद्देश्य और महत्व

शिक्षक दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य नई पीढ़ी को शिक्षा और शिक्षक का महत्व समझना,समर्पण भाव पैदा करना,राष्ट्र ने युवाओं को सद्मार्ग दिखाना, शिक्षकों के संघर्षों और उनके सद्गुणों को सम्मानित करना,समाज और सभ्यताओं का संरक्षण करना,शिक्षा के प्रति समाज को जागरूक करना साथ ही शिक्षकों के संघर्षों को समर्थन देना,ज्ञान की ज्वाला जलाए रखना है।

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