Homeराजस्थानचित्तौड़गढ़शिक्षक संघों की बैठक में बोले शिक्षक:हमें सिर्फ बच्चों को पढ़ाने दो

शिक्षक संघों की बैठक में बोले शिक्षक:हमें सिर्फ बच्चों को पढ़ाने दो

रंग- रोगन का निर्णय बहुत अच्छा लेकिन निर्णय समय पर नहीं:शिक्षक संघ राष्ट्रीय
प्रदेश के सरकारी कर्मचारी और नेताओं के बच्चें अनिवार्य रूप से पढ़े सरकार में विद्यालयों में:पुष्करणा
चित्तौड़गढ़।स्मार्ट हलचल| राजस्थान के समस्त शिक्षक संघों के प्रतिनिधियों के साथ शिक्षा विभाग की एक महत्वपूर्ण बैठक गुरुवार को शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार कुणाल की अध्यक्षता में समसा कार्यालय शिक्षा संकुल जयपुर में हुई।बैठक का मुख्य एजेंडा नया शैक्षिक सत्र 01 अप्रैल से शुरू करने,प्रदेश चल रही विभिन्न गतिविधियों यथा ओआरएफ, एफएलएन,शाला स्वास्थ्य कार्यक्रम की प्रगति को लेकर चर्चा रहा।
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिला अध्यक्ष पूरण मल लौहार और जिला मंत्री कैलाश चंद्र मालू के अनुसार प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा ने बताया कि बैठक के दौरान शिक्षक संघ राष्ट्रीय की और से संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रमेश चंद्र पुष्करणा ने शैक्षिक उन्नयन,नामांकन वृद्धि, गुणवत्ता सुधार के लिए विस्तार से सुझाव देते हुए वर्तमान में शिक्षकों की प्रमुख समस्याओं से अवगत कराया।पुष्करणा ने कहा कि सरकार सबसे पहले शिक्षक संघों को मान्यता दे और शिक्षकों से मासिक संवाद करें।माननीय उच्चतम न्यायालय के टीईटी परीक्षा संबंधित निर्णय पर सरकार शीघ्र पुर्नविचार याचिका दायर कर प्रदेश के लाखों शिक्षकों को राहत दिलवाएं।इसी प्रकार विद्यालयों में रेमेडियल कक्षाओं के लिए शीघ्र राशि स्वीकृत कर पढ़ाने की व्यवस्था करना,सभी शिक्षकों को ऑनलाइन कार्य के लिए टैबलेट पीसी व मासिक डाटा खर्च दे,शैक्षिक कैलेंडर के समान ही शिक्षा की समस्त व्यवस्थाओं यथा निशुल्क पाठयपुस्तकों का वितरण,प्रमोशन,म्यूचुअल स्थानांतरण, एसएफजी,खेल सामग्री,पुस्तकालय आदि के लिए जारी किए जाने वाले बजट के लिए भी समय बद्ध पंचाग जारी करे,महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम में शेष रहे कार्मिकों का पदस्थापन करते हुए शीघ्र स्टाफिंग पैटर्न पूर्ण कर नवक्रमोन्नत विद्यालयों में वित्त विभाग से पद स्वीकृत कराएं।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष पुष्करणा ने बताया कि बैठक में शिक्षकों को केवल बच्चों को पढ़ाने दिया जाए और गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने,प्रतिमाह कार्यशाला कर शिक्षकों की समस्याओं को लेने,बोर्ड और स्थानीय परीक्षाओं को एक साथ नहीं कराने की मांग रखी। सरकार के 01 अप्रैल 2026 से नया शैक्षिक सत्र शुरू करने को संगठन ने सहमति प्रदान करते हुए शिक्षा में नवाचार की दृष्टि से बच्चों को पढ़ना,लिखना सीखने के लिए जारी ओआरएफ व बुनियादी साक्षरता के लिए एफएलएन कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और शिक्षा मंत्री मदन लाल दिलावर का आभार जताया।साथ ही शाला स्वास्थ्य कार्यक्रम को सराहनीय बताया।विद्यालयों में रंग- रोगन का निर्णय बहुत अच्छा है लेकिन सरकार को इसमें समय से दो माह पूर्व आदेश जारी करते हुए बजट उपलब्ध करवाना चाहिए।शहरी क्षेत्रों में स्थित विद्यालयों का अधिकांश समय प्रतियोगी परीक्षाएं करवाने में ही निकल जाता है।इस सत्र में भी 168 दिन परीक्षाएं आयोजित करवाई गई ।अतः शहरी क्षेत्रों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन हेतु निजी विद्यालयों,कॉलेजों या अन्य व्यवस्थाओं पर विचार करना चाहिए।संगठन ने राजकीय विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने के लिए सुझाव दिया कि प्रदेश के सभी राजकीय कर्मचारी और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के बालक अनिवार्य रूप से राजकीय विद्यालय में ही पढ़े।ऐसा नहीं करने पर जितनी राशि वह निजी संस्थाओं को दे रहा है उतनी ही राशि सरकार के राजकोष में जमा कराए।इस प्रकार की सख्ती होने पर राजकीय विद्यालयों में नामांकन के साथ शैक्षिक गुणवत्ता भी बढ़ेगी।संगठन के सुझावों को गंभीरता से लेते हुए अन्य उपस्थित प्रतिनिधियों ने भी सराहा।
इस अवसर पर जिला कार्यकारिणी के सभाध्यक्ष तेजपाल सिंह शक्तावत,उपसभाध्यक्ष उदय लाल अहीर और सैयद मुकर्रम अली,वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवींद्र सिंह सिसोदिया, उपाध्यक्ष(पुरुष) हमीर सिंह राजपूत,उपाध्यक्ष महिला राजी कुमावत,उपाध्यक्ष माध्यमिक शिक्षा नाथू लाल डांगी,उपाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षा बीरबल सिंह, उपाध्यक्ष संस्कृत शिक्षा शंकर लाल भांभी,सचिव माध्यमिक भंवर सिंह गौड़,सचिव प्राथमिक सत्यनारायण भट्ट,सचिव संस्कृत नरपत सिंह चौहान,सचिव महिला बसंती सुथार,अतिरिक्त जिला मंत्री राजेंद्र कुमार गगरानी,महिला मंत्री दीपिका झाला,कोषाध्यक्ष सागर मल पटवा एवं सदस्य अध्यापक सुशील कुमार लड्डा,वरिष्ठ अध्यापक सदस्य मुकेश त्रिपाठी,प्राध्यापक सदस्य गोपाल लाल व्यास , संस्कृत शिक्षक सदस्य गोपाल लाल टेलर,प्रयोगशाला सहायक सदस्य आशीष कुमार गुप्ता,शारीरिक शिक्षक सदस्य चावंड सिंह चुंडावत,प्रबोधक सदस्य रमेश चंद्र मेनारिया पुस्तकालयाध्यक्ष मांगी लाल सुथार एवं समस्त पदाधिकारीयों ने मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री के शिक्षक हित में लिए निर्णयों का स्वागत करते हुए अन्य मांगों पर भी शीघ्र कर शिक्षा जगत में नवीन व्यवस्था स्थापित करने की मांग दोहराई।

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