(मनोज कुमार अग्रवाल-)
स्मार्ट हलचल/पंजाब में अमृतसर के ठाकुरद्वारा मंदिर पर ग्रेनेड हमला बेहद चिंता का विषय है। माना जा रहा है कि यह खालिस्तान समर्थक विदेशी ताकतों का पंजाब में आतंकवाद को पुनःजीवित करने का षडयंत्र है। कुछ समय से आतंकवादी पुलिस ठिकानों पर बम हमले करते चले आ रहे हैं। अब यह पहला मौका है जब किसी मंदिर पर ग्रेनेड हमला किया गया है। आधी रात को हुए इस हमले में जानी नुकसान तो नहीं हुआ पर मंदिर अवश्य क्षतिग्रस्त हुआ। हालांकि दो दिन के भीतर ही अमृतसर में ठाकुरद्वारा मंदिर पर ग्रेनेड हमला करने वाले का एनकाउंटर कर दिया गया है। इसमें मुख्य आरोपी मारा गया। पुलिस का दावा है कि इन बदमाशों ने ही मंदिर पर ग्रेनेड से हमला किया था। हालांकि मुख्य हमलावर के मारे जाने के बाद इस संगीन वारदात को अंजाम देने के लिए ब्लूप्रिंट तैयार करने वाले बदमाशों का बेनकाब होना थोड़ा मुश्किल है।
इस हमले को लेकर मुख्यमंत्री मान का कहना है कि सीमा से सटा राज्य होने के कारण कई देश विरोधी ताकतें पंजाब की शांति भंग करने के नापाक मंसूबे बना रही हैं। उन्होंने कहा कि सतर्क पंजाब पुलिस ने हमेशा ऐसी कोशिशों को नाकाम किया है क्योंकि पुलिस बल को जांच, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार अपडेट किया गया है। भगवंत सिंह मान ने उम्मीद जताई है कि पंजाब पुलिस देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी पेशेवर प्रतिबद्धता के साथ लोगों की सेवा करने की अपनी शानदार विरासत को कायम रखेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृतसर की घटना के पीछे भी उन्हीं विभाजनकारी ताकतों का हाथ है, जो प्रदेश की शांति, प्रगति और खुशहाली को रोकना चाहती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन ताकतों को कभी भी अपने नापाक इरादों में सफल नहीं होने देगी और उनकी सभी साजिशों को नाकाम कर दिया जाएगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर है क्योंकि पंजाब पुलिस इस मामले पर पूरी मुस्तैदी से नजर रख रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब हमेशा से सीमापार उग्रवाद का शिकार रहा है और आज भी राज्य नशे और उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान जो कह रहे है, वह सत्य ही है। पाकिस्तान पंजाब में हिंसा फैलाने के लिए तथा साम्प्रदायिक दंगे कराने के लिए अतीत में भी ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों का समर्थन करता रहा है और आज भी कर रहा है। इसे लेकर मान सरकार विपक्ष के निशाने पर भी है।
पाकिस्तान की शह पर पंजाब में आतंक फैलाने वालों पर सतर्क रह कर सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है क्योंकि अगर इन हमलों में ढील दिखाई तो पंजाब के हालात फिर बिगड़ सकते हैं। पंजाब के साथ-साथ केन्द्र सरकार को भी मंदिरों पर हो रहे हमलों को लेकर सतर्क होने की आवश्यकता है, क्योंकि मंदिरों पर हमला करने वालों को केवल पाकिस्तान ही नहीं बल्कि कनाडा, इंग्लैंड और अमेरिका सहित कई देशों में बैठे भारत विरोधियों का संरक्षण व समर्थन प्राप्त है। हाल ही में अमेरिका में भी मंदिर पर हमला हुआ है। इससे पहले कनाडा में भी मंदिरों को निशाना बनाया गया।
प्रदेश और देश की सरकारों को समझना होगा कि विदेशी शक्तियों के हाथों की कठपुतली बने इन आतंकियों पर तभी नकेल डलेगी, जब राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उन पर दबाव बढ़ेगा। पंजाब, अमेरिका, कनाडा या इंग्लैंड में अलगाववादियों द्वारा मंदिरों पर हमला करने का एक ही लक्ष्य है पंजाब व देश के अन्य हिस्सों में माहौल खराब हो और लोकतांत्रिक व्यवस्था कमजोर हो।
उधर एनकाउंटर को लेकर पंजाब पुलिस ने बताया कि पुलिस मुठभेड़ में मुख्य आरोपी गुरसिदक मारा गया जबकि एक अन्य आरोपी घायल हो गया। दोनों ओर से गोलीबारी हुई। पुलिस को सूचना मिली थी कि मंदिर पर हमले के आरोपी राजासांसी के इलाके में घूम रहे हैं। उन्हें पकड़ने के लिए सीआईए और कोतवाल छेहरटा की पुलिस टीम वहां पहुंची। जब एसएचओ छेहरटा ने आरोपी की मोटरसाइकिल को रोकने की कोशिश की तो आरोपी पुलिस टीम पर फायरिंग करने लगे। इस दौरान एक गोली कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह के बाएं हाथ पर लगी, एक गोली इंस्पेक्टर अमोलक सिंह की पगड़ी पर लगी और एक गोली पुलिस वाहन पर लगी। इंस्पेक्टर विनोद कुमार ने आत्मरक्षा में अपनी पिस्टल से गोली चलाई, यह गोली गुरसिदक को लगी, जिससे वह घायल हो गया। विशाल सहित अन्य आरोपी मौके से भागने में सफल रहे। गुरप्रीत सिंह और गुरसिदक को इलाज के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया। गुरसिदक ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। हमलावरों के पाकिस्तान और आईएसआई से संबंधों की भी जांच की जा रही है। इस मामले में तीन युवकों को गिरफ्तार किया गया है। तीनों को बिहार से अरेस्ट किया गया था। ये नेपाल भागने की फिराक में थे। इन युवकों पर आरोप है कि उन्होंने मंदिर पर हमला करने वाले आरोपियों को ग्रेनेड और हथियार सप्लाई किए थे। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के मुताबिक, दो अज्ञात व्यक्ति मोटरसाइकिल पर सवार होकर मंदिर पहुंचे ।कुछ सेकंड रुकने के बाद उनमें से एक ने मंदिर की ओर कुछ विस्फोटक सामग्री फेंकी और मौके से भाग गया। जैसे ही वे भागे, मंदिर में एक बड़ा धमाका हुआ।
यह घटना रात देर रात 12:35 बजे हुई। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन इससे अमृतसर के खंडवाला इलाके के निवासियों में दहशत फैल गई है। मंदिर पर जब हमला हुआ तब मंदिर के पंडित भी अंदर सो रहे थे। पुलिस ने हमलावरों की पहचान करने और हमले की प्रकृति को समझने के लिए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच शुरू की थी।
पंजाब राज्य तथा केंद्र सरकार को मंदिरों पर हो रहे हमलों को गंभीरता से लेकर ऐसी घिनौनी हरकत करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। देश विशेषतया पंजाब वासियों को पाकिस्तान के इशारे पर चलने वाले अलगाववादियों की हरकतों का धैर्य से सामना करना चाहिए। ऐसी घटनाओं को लेकर जब जन साधारण कोई नकारात्मक प्रक्रिया नहीं देता तो अलगाववादियों की सारी योजनाएं विफल हो जाती हैं। सरकार को आतंकवाद जिंदा करने की कोशिश में लगी विदेशी ताकतों के हाथों खेल रहे देशद्रोही आतंकियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए और उनके फन को कुचल देना चाहिए