महेंद्र कुमार सैनी
नगर फोर्ट|स्मार्ट हलचल/जन्माष्टमी पर्व से एक पखवाड़े बाद बुधवार को जलझूलनी एकादशी पर भगवान कृष्ण के विग्रहों की डोल यात्रा निकाली गई। झालर-घंटों की टंकार और जयकारों के बीच मंदिरों में विराजित ठाकुरजी के चल विग्रहों को डोला में बैठा कर नगर भ्रमण कराया गया। गढ़ पैलेस के तालाब की पाल पर डोलों में विराजित ठाकुरजी की सामूहिक आरती की गई। डोलों को तालाब की सीढिय़ों पर ले जा कर ठाकुरजी का चरण प्रच्छाल किया गया।
शाम करीब पांच बजे कचहरी चौक के चारभुजा नाथ मंदिर के पास स्थित बालाजी मंदिर, श्री श्याम जी मंदिर, राधा रानी मंदिर, लक्ष्मी नाथ जी मंदिर जगदीश जी मंदिर से डोल यात्रा मेंन बाजार, कचहरी चौक होती हुई निकाली गई। अलग-अलग मंदिरों से निकले डोल यात्राएं गढ़ पैलेस बड़े तालाब की पाल पर पहुंची। रास्ते में श्रद्धालुओं ने दर्शन कर डोलों में विराजित ठाकुरजी के विग्रहों के समक्ष फल व चढावा भेंट किए। खुशहाली की कामना से लोगों ने छोटे बच्चों को डोलों के नीचे से निकला।
घाट पर पहुंचने पर एकादशी की व्रत रही महिलाओं की डोलों में बैठे ठाकुरजी के दर्शनों के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। बाद में रामस्वरूप, कमलेश जोशी, गोपाल राव, ब्रह्मानंद मिश्रा, हनुमान प्रसाद शर्मा आचार्य ( विद्वान ) आदि ने ठाकुरजी की आरती की। बाद में पुजारियों ने जलसेन की सीढिय़ोंं पर ठाकुर के अंग वस्त्रों को पखार कर यशोदा मैया के जलवा पूजा की प्रतीकात्मक परम्परा पूरी की। उल्लेखनीय है कि मंदिरों के गर्भग्रह में विराजित ठाकुरजी के चल विग्रह वर्ष में एक बार जलझूलनी एकादशी पर मंदिर से बाहर निकल नगर भ्रमण करते हैं