ओम जैन
स्मार्ट हलचल|चित्तौड़गढ़ जिले में भाजपा के हालात क्या है वो जगजाहिर है, ओर विशेष कर चित्तोड़ विधानसभा में हालात कितने बिगड़े हुए है यह किसी से छुपा नही है, अन्य विधानसभाओं में भी हालत ठीक नही चल रहे और सत्ता में भाजपा होने के बाबजूद जनता का विकास नेताओ के घरों में पल रहा इस बात से भी इंकार नही किया जा सकता है, बाबजूद इसके जिले के कुछ वरिष्ठ नेता जो अभी भी भाजपा की साख जिन्दा रख रहे थे लेकिन कपासन की घटना ने ना सिर्फ भाजपा की साख खराब की बल्कि भाजपा की साख पर ऐसा धब्बा लगाया है जो किसी भी सर्फ साबुन या लिक्विड से साफ होता नजर नही आ रहा है, ओर आश्चर्य तो इस बात का की भाजपा नेता की ऐसी हरकत अभी तक आलाकमान बर्दास्त कर रही है, जबकि अनुशासन की बातें करने वाली भाजपा अपनी पार्टी के नेताओ पर लगाम नही लगा पा रही है, ना कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही ना ही इस्तीफा मांगा गया।
पहले बजरी अब गुंडागर्दी
जिले में भाजपा के ऐसे 2 विधायक जिन्हें क्षेत्र की भोलीभाली जनता ने तो जीताकर जनप्रतिनिधि बनाया था ताकि क्षेत्र का विकास कर सके लेकिन वो खुलेआम बजरी के ठेकेदार बनकर खुद के विकास में लग गए क्योकि दोनों को अच्छे से पता है आगे अब मौका मिलना सम्भव नही, वही अब कपासन विधायक पर तो गुंडागर्दी करने जैसे गम्भीर आरोप लगे और सिर्फ चुनावी वादा याद दिलाते हुए तालाब में पानी की मांग करने पर जानलेवा हमला करवाने के आरोप लग गए बावजूद इसके ना आलाकमान की नींद उड़ी ओर ना ही भाजपा ने राजनीति से परे जाकर सुरज को न्याय दिलाने का विचार किया, ओर करे तो करे कैसे विधायक भाजपा के ही तो है और अभी सत्ता में भी भाजपा है तो फिर यह निश्चित हो गया कि आगामी चुनावों में नुकसान भी भाजपा को ही होना है, क्योकि जनता को अहसास हो गया कि भाजपा राज में कुछ भी मांगना अपनी जान को जोखिम में डालने जैसा है।
विधायक का पर्दा लेकिन आलाकमान ने भी घूंघट निकाल लिया
भाजपा की सरकार है और भाजपा विधायक पर सर्वसमाज ने खुले धरने में गुंडागर्दी ओर जानलेवा हमले के आरोप लगाए जिस पर विधायक अर्जुन जीनगर तो पहले दिन से ही कोंग्रेस पर ठीकरा फोड़ते हुए मामले पर पर्दा डालते नजर आ रहे लेकिन आलाकमान क्यो घूंघट ओढ़े बैठा है, उसे तो कब से मामले की जांच उच्च एजेंसी से करवाकर दूध का दूध और पानी का पानी करना चाइये था ताकि जिले में घायल ओर विशेषकर कपासन में गम्भीर घायल भाजपा को थोड़ा सम्भल मिल सकता, लेकिन ऐसा नही करने पर साफ नजर आ रहा कि भाजपा की हालत अब ओर ज्यादा बिगड़ सकती है, जिसकी जिम्मेदार इस बार जनता नही बल्कि स्वयं कपासन विधायक ओर आलाकमान है।


