The dark truth of vermilion: baldness and forehead marks
शीतल निर्भीक
लखनऊ। स्मार्ट हलचल/एक चुटकी सिंदूर की कीमत अब महिलाओं के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रही है। पति की लंबी उम्र और शुभता का प्रतीक माना जाने वाला यह सिंदूर अब महिलाओं के लिए परेशानी का कारण बनता जा रहा है। मिलावट के इस दौर में सिंदूर की पवित्रता भी नहीं बची है। बाजार में बिकने वाले सिंदूर में चमक बढ़ाने के लिए पारा और मरकरी सल्फेट जैसे जहरीले रसायनों का उपयोग किया जा रहा है। इससे महिलाओं को खुजली, काले दाग और गंजेपन जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
एम्स समेत अन्य बड़े अस्पतालों में रोजाना ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि सिंदूर में मिलाए जा रहे ये रसायन न केवल त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि नर्वस सिस्टम, फेफड़ों और गुर्दों पर भी गंभीर असर डालते हैं। त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवांगी राणा के अनुसार, 35 से 40 वर्ष की महिलाओं में इस समस्या के ज्यादा मामले देखे जा रहे हैं।
बाजार में बिकने वाले सस्ते सिंदूर में न केवल रसायनों की मिलावट हो रही है, बल्कि इसे पतला करने के लिए अरारोट भी मिलाया जा रहा है। इससे इसकी गुणवत्ता खराब हो जाती है। सिंदूर के कारोबारी नोमीलाल बताते हैं कि असली सिंदूर चूना और हल्दी से बनाया जाता है, जबकि नकली सिंदूर में आर्टिफिशियल रंग और सिंथेटिक पाउडर मिलाए जाते हैं। यह ज्यादा चमकदार दिखता है और सस्ते दामों में बिकता है, लेकिन स्वास्थ्य पर इसका असर खतरनाक होता है।
ऐसे मिलावटी सिंदूर की पहचान करना भी आसान नहीं है। असली सिंदूर भारी होता है और जलाने पर गुटखा की तरह रहता है, जबकि नकली सिंदूर राख में बदल जाता है। असली सिंदूर पानी डालने पर बह जाता है, लेकिन नकली चिपकता है।
35 वर्षीय महिला के एक मामले में सिंदूर के लंबे समय तक उपयोग से माथे पर खुजली, सूजन और लाल दाग हो गए। सिर के आगे के बाल झड़ गए। इसी तरह, 25 वर्षीय महिला ने काले दाग और गंजेपन की समस्या के बाद डॉक्टरों से संपर्क किया। दोनों मामलों में डॉक्टरों ने सिंदूर का उपयोग बंद करने की सलाह दी।
डॉक्टरों का कहना है कि महिलाओं को ज्यादा चमकदार सिंदूर से बचना चाहिए और केवल चूना-हल्दी से बने शुद्ध सिंदूर का उपयोग करना चाहिए। बाजार में बिक रहे सस्ते और चमकदार सिंदूर के चक्कर में स्वास्थ्य को दांव पर न लगाएं। अब वक्त है कि महिलाएं सतर्क रहें और सिंदूर खरीदते समय उसकी गुणवत्ता को परखें, ताकि भविष्य में किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या से बचा जा सके।