ओम जैन शंभूपुरा।
शंभूपुरा। आधुनिकता के इस चकाचौंध में जन्मदिन जैसा विशेष मौका हो और पार्टी शार्टी ना हो यह बात हजम नहीं होती। लेकिन आज भी कई युवा ऐसे हैं, जो आधुनिकता की चकाचौंध से दूर रहकर अपना जन्मदिन कुछ विशेष तरह से मनाते हैं। ऐसे ही युवाओं में से एक हैं वीरधरा न्यूज नेटवर्क राजस्थान के एडिटर इन चीफ ओम जैन शंभूपुरा जो समाजसेवी ओर भगत सिंह संघर्ष सेवा समिति के फाउंडर भी है। जिन्होंने अपना जन्मदिन कुछ हट के मनाया है। इन्होंने अपने जन्मदिवस के अवसर पर धूमधड़ाका के साथ पार्टी करने के बजाय अपनो से धोखा खाए असहाय बुजुर्गों की सेवा को प्राथमिकता दी है। पत्रकार ओम जैन ने अपने जन्मदिवस के अवसर पर अपने साथियों के साथ चित्तौड़गढ़ शहर के खुशहाल वृद्धाश्रम पहुंच कर आश्रम में रह रहे बुजुर्गो का सबसे पहले हाल चाल पूछा, ततपश्चात सभी बुजुर्गों को उपहार में कम्फेटर (गर्म रजाई) और फल भेंटकर उनके चरण छूकर आशीर्वाद लेकर अपना जन्मदिन मनाया। ताकि बुजुर्गों को महसूस होने वाला अकेलापन थोड़ा कम हो सके और उन्हें अपनापन महसूस हो।
समाजसेवी ओम जैन शंभूपुरा और उनके साथियों ने लगभग 2 घंटे तक खुशहाल वृद्धाश्रम में बिताए और बुजुर्गों के हंसी खुशी के पल और आश्रम में आने तक के पलो की जानकारी ली, जब बुजुर्गों ने अपनी आप बीती बताई तो सभी की आंखे नम हो गई। जैन ने कहा कि हम आपके बेटे ही है आपकी सेवा करेंगे, कभी दुखी मत होना। दरअसल इस दुनिया में ऐसे कई लोग है जिनका अब इस दुनिया में कोई नहीं है, लेकिन फिर भी कुछ अनजान सेवाभावी नंदिनी त्रिपाठी खुशहाल वृद्धाआश्रम की संचालिका जैसे लोग है जो उनके भोजन, रहने खाने पीने सहित हर प्रकार की जीवन यापन की व्यवस्था करवाते हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो अपना जन्मदिन की खुशीया इन्हीं बुजुर्गों के साथ मनाते हुए इनका आशीर्वाद प्राप्त करते रहते हैं।
इस अवसर पर पत्रकार ओम जैन ने कहा कि महंगे होटलों और रिसोर्ट में जन्मदिन मनाकर वो आत्मिक शांति नहीं मिलती जो बेसहारा बुजुर्गों और जरूरतमंदों के चेहरे पर मुस्कान देखने से मिलती है। चाहे कैसी भी खुशी हो उनका प्रयास यही रहता है कि हंसी खुशी के पलो को वो असहाय, जरूरतमंदों, बुजुर्गों के साथ बांटें जिससे भले ही कुछ देर के लिए ही सही उन्हें भी खुशी मिलेगी और वे दिल से दुआएं देंगे।
इस अवसर पर घटियावली उपसरपंच ज्ञानेश्वर पूरी गोस्वामी, पत्रकार दुर्गेश कुमार लक्षकार, हेमलता लक्षकार, मीना लक्षकार और वैभव लक्षकार सहित अन्य मित्रगण उपस्थित रहे और बुजुर्गों के साथ खुशियां बांटी।