बूंदी-स्मार्ट हलचल|अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी संघ बून्दी के जिला अध्यक्ष सत्यवान शर्मा ने बताया कि संयुक्त महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष महावीर शर्मा एवं उनके साथ चेतना रथ में आये प्रदेश के कर्मचारी नेताओ का वीर कुभां और हाडी रानी की धरती छोटी काशी में प्रदेश के कर्मचारी नेता रामलाल डागर वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिक्षक संघ शेखावत ,प्रदेश कोषाध्यक्ष प्रहलाद चौधरी,जसवंत नरूका प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष शिक्षक संघ प्रगतिशील , राजस्थान आयुर्वेद परिचारक संघ के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र तिवारी, राजस्थान एलएचवी /एएनएम संघ ऑफ राजस्थान की प्रदेश कार्यकारी अध्यक्षा नफीसा बानो, राजस्थान अधीनस्थ कर्मचारी संघ(आर्थिक एवं सांख्यिकी) के प्रदेश महामंत्री दीपक खींची ,राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी संघ ,प्रदेश महामंत्री शिवराज चौधरी, राजस्थान सहायक कर्मचारी संघ प्रदेश प्रवक्ता मोहन जी मीणा, लेखराज वर्मा प्रदेश महामंत्री का बून्दी की धरती पर ढोल नगाडों से स्वागत कर चेतना यात्रा रैली निकाली । बून्दी के कर्मचारी साथियों में नई उर्जा एवं चेतना का संचार करते हुये अपने उदबोधन में प्रदेश अध्यक्ष महावीर शर्मा ने कहा कि सरकार 8 लाख सरकारी कर्मचारियों एवं 5 लाख संविदा कर्मचारियों की शक्ति का आकलन हल्के में कर रही है अब कर्मचारी चेतन हो चुका है।
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने अपने 11 सूत्री मांगो पर सकारात्मक कार्यवाही नहीं करने एवं संवादहीनता तथा निगम बोर्ड युनिवर्सिटी कर्मचारियों के लिए NPS के संबंध में 09 अक्टूबर 2025 को जारी आदेश के विरोध में लिये गए निर्णयानुसार राज्य के 41 जिलों व लगभग 300 ब्लॉक मुख्यालयों तक 05 नवम्बर से 30 नवम्बर तक संघर्ष चेतना यात्रा निकाली जा रही है जिसकी कडी में आज 15 नवम्बर को बून्दी में जिला स्तरीय चेतना रैली एवं विशाल कर्मचारी चेतना सभा का आयोजन लगातार किया जा रहा है ।
प्रदेश अध्यक्ष महावीर शर्मा ने कहा कि सरकार बेकडोर से एनपीएस को लाकर ओल्ड पेन्शन को खत्म करना चाहती है,कर्मचारियों एवं पेन्शनरों के आरजीएचएस सुविधाओं में लगातार कटौती करती जा रही है ,पदौन्नति के अवसर खत्म करती जा रही है नई भर्तियों को ना करके उन्ही कर्मचारियों से सभी काम करवाके संविदा भर्ती को बढावा देती जा रही है जो संयुक्त महासंघ को कतई स्वीकार नहीं है । कर्मचारियों द्वारा संघर्ष के बल पर प्राप्त की गई सुविधा व अधिकारों को वापस लेने की हिमाकत ना करें, राज्य में अफसरशाही हावी है और मनमाने आदेश निकालकर कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है, इसे सहन नहीं किया जाएगा महासंघ का मांग पत्र भी सरकार के स्तर पर लंबे समय से लंबित है, लेकिन शासन और सरकार की ओर से महासंघ के मांग पत्र की लगातार उपेक्षा की जा रही है। 14 दिसंबर को राजधानी जयपुर में महासंघ के सभी घटक संगठनों के प्रदेश एवं जिला पदाधिकारियों की बैठक होगी, जिसमें आगामी आंदोलन की रणनीति और चरणबद्ध कार्यक्रम पर विस्तृत मंथन किया जाएगा।
इस अवसर पर आयुर्वेद परिचारक संघ के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र तिवारी ने कहा कि सरकार सभी संवर्ग के कर्मचारियों में भय व्याप्त करना चाहती है राजस्थान का कर्मचारी लगातार संघर्ष करके पारदर्शी स्थानान्तरण नीति,नियमित भर्ती एवं वेतन विसंगति की की जायज मांग करता आ रहा है जिसे अनसुना किया जा रहा है। बून्दी में आायोजित प्रदेश स्तरीय चेतना यात्रा एवं सभा में विभिन्न सम्बद्ध संगठनों के जिलाध्यक्ष /मंत्री एवं पदाधिकारीगण जिसमें मुख्य रूप से अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी जिसमें संयुक्त महासंघ के मुख्य संरक्षक पुरूषोत्तम पारीक, सलाहकार सुरेन्द्र सिंह सोलंकी,प्रदीप माथुर,हरिशंकर शर्मा , राजस्थान आयुर्वेद परिचारक संघ से जिलाध्यक्ष हीरालाल सैनी, राजस्थान पंचायती राज एवं माध्य.शिक्षा संघ से जिलाध्यक्ष नन्दकिशोर बैरागी,विरेन्द्र कुमार मीणा, राजस्थान अधीनस्थ कर्मचारी संघ(आर्थिक एवं सांख्यिकी) से सुनील मीणा,महेश वर्मा,सुरेन्द्र मीणा,विकास सिंह, राजस्थान एलएचवी /एएनएम संघ ऑफ राजस्थान से सोनाली गुप्ता,शबनम आरा, राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी संघ से जिलाध्यक्ष रामप्रसाद गोचर, विष्णु श्रृंगी,ओमप्रकाश नामा,राजस्थान काननूगो संघ से हेमन्त दुबे, राजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ से जिलाध्यक्ष बलवीर सिहं,राजकुमार मीणा,केवल सैनी, राजस्थान पटवार संघ,बून्दी से मनोज वर्मा,कृषि पर्यवेक्षक संघ से लादू लाल मेघवाल ,हरिराम चौधरी,राजस्थान राज्य अधीनस्थ कम्प्यूटर कर्मचारी संघ से जिलाध्यक्ष धमेन्द्र जांगिड, अंशुल माथुर,घनश्याम नागर , मंत्रालयिक संघ से देवेंद्र सिंह हाडा, महिपाल सिंह हाडा, राजस्थान वन विभाग श्रमिक संघ,बून्दी से रघुनाथ सिंह,कालूलाल,महावीर शर्मा, राजस्थान सहायक कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष अमृत सोलंकी आदि ने कर्मचारी चेतना यात्रा में भाग लिया *कार्यक्रम का संचालन ग्राम विकास अधिकारी संघ के जिलाध्यक्ष रामप्रसाद गोचर ने किया ।


