Homeसोचने वाली बात/ब्लॉगराहुल से नफ़रत की पराकाष्ठा ?

राहुल से नफ़रत की पराकाष्ठा ?

तनवीर जाफ़री
स्मार्ट हलचल/लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था रखने वाले किसी भी देश में सत्ता और विपक्ष दोनों ही एक गाड़ी के दो पहियों के समान माने जाते हैं। सत्ता का काम जहां देश के लिये नीतियां व योजनाएं बनाना होता है वहीँ विपक्ष का काम सत्ता की कारगुज़ारियों पर निगरानी रखना होता है। विपक्ष ज़रूरत पड़ने पर समय समय पर सत्ता की आलोचना भी करता रहता है। और सत्ता उन स्वस्थ आलोचनाओं का स्वागत करते हुये विपक्ष की आलोचना के अनुरूप अपनी नीतियों, व योजनाओं में परिवर्तन व संशोधन करने का भी प्रयास करती है। एक स्वस्थ लोकतांत्रिक देश में सत्ता और विपक्ष के रिश्ते प्रायः मधुर व सौहार्दपूर्ण ही रहते हैं। हमारे देश में भी पंडित जवाहर लाल नेहरू व डॉ राम मनोहर लोहिया तथा राजीव गाँधी,सोनिया गांधी व अटल बिहारी वाजपेई जैसे अनेक शीर्ष नेताओं के ऐसे कई क़िस्से बड़े मशहूर हैं जो पक्ष विपक्ष के सौहार्द्रपूर्ण रिश्तों की गवाही देते हैं।
परन्तु वर्तमान दौर की राजनीति में तो गोया सत्ता द्वारा विपक्ष से दुश्मन की तरह व्यवहार किया जाने लगा है। साम दाम दंड भेद,छल कपट,झूठ,मक्कारी,सत्ता बल धनबल,बाहुबल,सरकारी संस्थाओं का दुरुपयोग कर,विधायकों की ख़रीद फ़रोख़्त कर निर्वाचित सरकार गिराकर, मीडिया को ग़ुलाम बनाकर गोया किसी भी तरह से यह कोशिश की जाने लगी है कि विपक्ष का नाम ो निशान ख़त्म कर दिया जाये और सत्ता पर हमेशा के लिये क़ब्ज़ा जमाये रखा जाये। सत्ता के इस ‘लोकतंत्र विरोधी’ कहे जाने वाले दुष्प्रयास का सबसे बड़ा निशाना लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गाँधी हैं। पिछली लोकसभा में यह देखा गया कि किस तरह एक अदालती फ़ैसले की आड़ लेकर आनन फ़ानन में उनकी लोकसभा सदस्य्ता समाप्त कर दी गयी और सदस्य्ता समाप्त करने के साथ ही सांसद के रूप में आवंटित किया गया उनका बंगला भी ख़ाली करवा लिया गया। देश ने यह भी देखा कि किस तरह राहुल गांधी व उनकी मां सोनिया गाँधी को कई दिनों तक बार बार प्रवर्तन निदेशालय (ई डी ) द्वारा अपने कार्यालय में बुलाकर उनका मनोबल गिराने की कोशिश की गयी। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस का बैंक खाता फ़्रीज़ कर दिया। गया। पिछले दस वर्षों से राहुल गाँधी को ‘पप्पू ‘ साबित करने के लिये करोड़ों रूपये पानी की तरह बहाये गये। मीडिया का सहारा लेकर राहुल को कटघरे में खड़ा करने की कोशिशें की गयीं। हद तो यह है कि संसद में स्वयं प्रधानमंत्री द्वारा राहुल गांधी को ‘बाल बुद्धि’ वाला कहकर सम्बोधित किया गया ? समुदाय विशेष को ‘जूते मारो सालों को ‘ जैसा उत्तेजनात्मक नारा देना वाला एक परिवारवादी राजनीति का प्रतीक भाजपा नेता संसद में राहुल की जाति पर सवाल खड़ा करते दिखाई दिया।
और अब एक बार फिर राहुल की अमेरिका यात्रा में दिए गये उनके कुछ बयानों को लेकर उनको ‘देशद्रोही’ तक साबित करने की कोशिश की जा रही है। एक ऐसा केंद्रीय मंत्री जिसे जनता स्वयं एक ‘मसख़रे ‘ के रूप में जानती है वह पूरे देश में राहुल गाँधी के विरुद्ध ‘जूते मारो अभियान’ शुरू करने की बात कह रहा है। भाजपा के कई शीर्ष नेता न केवल राहुल गांधी को देशद्रोही बताने में लग गए हैं बल्कि दिल्ली के एक बीजेपी नेता व पूर्व विधायक ने तो सार्वजनिक रूप से यह तक कह दिया है कि “राहुल गांधी बाज़ आ जा, नहीं तो आने वाले टाइम में तेरा भी वही हाल होगा जो तेरी दादी का हुआ!” यानी सरे आम राहुल को हत्या की धमकी दी जाने लगी है। लगता है कि भाजपा द्वारा राहुल के विरुद्ध तमाम हथकंडे अपनाने के बावजूद उनकी बढ़ती लोकप्रियता और एक साथ दो दो जगहों से लोकसभा में भारी मतों से उनके निर्वाचन के बाद अब उन्हें हिंसा व हत्या के लिये डराना धमकाना ही आख़िरी हथियार रह गया है।
परन्तु इस बहस में कुछ बातें तो निरर्थक हैं। जैसे कि राहुल ने अमेरिका में क्या कहा या विदेशों में वे क्या कहते हैं। इंटरनेट व आधुनिक संचार प्रणाली के इस दौर में आज इस बात के तो कोई मायने ही नहीं रह गये कि आप कौन सी बात कहाँ बोलते हैं। दुनिया के किसी भी कोने में बोली गयी कोई भी बात पलक झपकते ही पूरे विश्व में एक साथ प्रसारित हो जाती है। फिर क्या अमेरिका तो क्या भारत। दूसरी बात यह कि राहुल ने अमेरिका में ऐसा क्या नया कहा जो वे यहाँ नहीं कहते ? भारतीय लोकतंत्र पर मंडराते ख़तरों पर अकेले राहुल ही चिंता व्यक्त नहीं करते। विपक्ष के और भी तमाम नेता,बुद्धिजीवी,नोबेल पुरस्कार विजेता,शिक्षाविद,लेखक व पत्रकार भारतीय लोकतंत्र की वर्तमान स्थिति व लोकतंत्र पर मंडराते ख़तरों पर चिंता व्यक्त करते ही रहते हैं। और इन सबसे बड़ी बात यह कि जो लोग सत्ता के इशारे पर या ‘किसी को ‘ ख़ुश करने के लिये राहुल गांधी को देशद्रोही साबित करना चाह रहे हैं उन्हें राहुल गाँधी की वह पारिवारिक पृष्ठभूमि भी देख लेनी चाहिए जिसमें राहुल के पिता राजीव गांधी व दादी इंदिरागांधी को देश की एकता व अखंडता को बचाये रखने के लिये अपनी जानों की क़ुर्बानी देनी पड़ी थी।
मोतीलाल नेहरू से लेकर जवाहर लाल नेहरू, कमला नेहरू आदि सभी स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाने वाले इसी एक परिवार के सदस्य थे। ऐसे घराने से सम्बन्ध रखने वाले राहुल गांधी को वे लोग देशद्रोही साबित करना चाह रहे हैं जिनके अपने दल में महात्मा गांधी,भारतीय संविधान और तिरंगे का अपमान करने वालों की कमी नहीं ? ऐसे लोग राहुल को देशद्रोही साबित करना चाह रहे हैं जिनके पूर्वजों का स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान तो दूर उनके आसपास के लोग भी उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि से वाक़िफ़ नहीं ? यह अगर ख़ुद कश्मीर में महबूबा मुफ़्ती की पी डी पी से मिलकर सरकार बनायें तो वह राष्ट्रवाद परन्तु यदि राहुल या कांग्रेस इनके साथ समझौता करें तो उन पर संदेह और तरह तरह के सवाल ? ख़ुद अगर प्रधानमंत्री मोदी एस पी जी के मना करने के बावजूद नवाज़ शरीफ़ की नातिन मेहरुन्निसा की शादी व नवाज़ शरीफ़ का जन्म दिन मनाने अचानक पाकिस्तान पहुँच जायें या उनसे पगड़ी,साड़ी व शॉल के तोहफ़ों का आदान प्रदान करें तो यह उनका ‘सद्भावना ‘ भरा क़दम परन्तु यदि यही काम कोई विपक्षी नेता करे तो वह देशविरोधी या पाकिस्तान परस्त ?
दरअसल राहुल के विरोध का कारण यह सब नहीं जो बताया या प्रचारित किया जा रहा है। बल्कि राहुल के विरोध का कारण भारत सहित पूरे विश्व में उनकी बढ़ती स्वीकार्यता है। साथ ही राहुल भारतीय विपक्ष के अकेले ऐसे नेता हैं जो भाजपा व सत्ता पर ऐसी चोट करते हैं जिससे इनके नेता तिलमिला जाते हैं। उदाहरण के तौर पर अडानी व मोदी के रिश्ते पर उनके सवालों से भाजपा हमेशा असहज रहती है। रोज़गार व मंहगाई पर राहुल के सवालों का इनके पास कोई जवाब नहीं। इसके अलावा राहुल ने अपनी राष्ट्रव्यापी भारत जोड़ो पद यात्रा में भी सत्ता के मंसूबों की पोल खोल कर रख दी थी। इसी यात्रा के बाद कांग्रेस का ग्राफ़ चढ़ना व भाजपा का ग्राफ़ नीचे जाना शुरू हो गया था। इसलिये राहुल पर देशद्रोह के इल्ज़ाम लगाना तो मात्र एक बहाना है हक़ीक़त में यह सत्ता की राहुल से नफ़रत की पराकाष्ठा के सिवा और कुछ नहीं। सही मायने में तो सत्ता का यह दुष्प्रयास भी लोकतंत्र विरोधी ही है।

ratan tata died at the age of 86 in mumbai
ratan tata died at the age of 86 in mumbai
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  31 जुलाई  2024, Smart Halchal News Paper 31 July
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  31 जुलाई  2024, Smart Halchal News Paper 31 July
ratan-tata-death-news
AD dharti Putra
logo
AD dharti Putra
Smart Halchal NewsPaper logo logo
AD dharti Putra
RELATED ARTICLES