तेज बारिश से बार बार चिता बुझती रही टायर,डीजल,शक्कर,कट्टे डाल किया दाहसंस्कार
स्मार्ट हलचल दूनी/टोंक|देवली उपखण्ड की संथली पंचायत के गांधीग्राम नंबर 2 में 4 सितंबर को सुबह 8 बजे के लगभग रामदेव बैरवा का निधन होने पर शाम 4 बजे जब अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट लेकर पहुंचे तो वहाँ जाते ही तेज बारिश शुरू हो गई श्मशान में टीनशेड नही होने से लोगों ने बड़ी मुश्किल से ऊपर तिरपाल लगा कर रबर के टायर,डीजल,शक्कर,प्लास्टिक के कट्टे आदि ज्वलनशील सामग्री डाल बड़ी कठिनाई से चिता को बड़े बेटे बन्नालाल बैरवा अध्यापक,छोटे बेटे हनुमान बैरवा कम्पाउंड एम्स अस्पताल दिल्ली ने मुखाग्नि दी।बार बार तेज बारिश होने से चिता में आग बुझ रही थी ओर लोग डीजल,शक्कर,घी,टायर आदि डाल जदोजहद कर चिता को जलाया गया।शव का आधा दाहसंस्कार हुआ और फिर तेज हवा के साथ बारिश आने से चिता बुझ गई फिर दोबारा कुछ लोग श्मशान में जाकर चिता में ज्वलनशील सामग्री डाल चिता को जलाया गया।शमशान में मौजूद गांव वाले रिश्तेदार बारिश में भीगने तथा तेज हवा आदि चलने से लोगों को ठंड से कपकपी लगने लगी।घटना को देख कर हर कोई भावविभोर था पर किसी के बस की कोई नही चली दाहसंस्कार में पड़े फोड़े देख परिजन जोर जोर से विलाप करते रहे उन्हें टेंशन ने बहुत चोट पहुंचाई ऐसी घटना सरकार व प्रशासन पंचायत के जिम्मेदार लोगों पर शर्मनाक व सांवलिया निशान है।इस प्रकार की घटना को देख विकास के दावों की पोल खुलती नजर आती है।ऐसा पहली बार नही हुआ है गत वर्ष भी गांधीग्राम नम्बर 1 में कल्याण बैरवा रिटायर्ड फौजी की भाभी पुष्पा देवी का निधन 15 अगस्त 2024 को हुआ था जो उस वक्त भी बारिश के बहते पानी मे चिता लगा कर अंतिम संस्कार करना पड़ा था।मामलें के विरोध को देख सरपंच पति शंकर लाल मीणा ने ग्रामीणों को श्मशान घाट में टीनशेड लगाने का आश्वासन दिया था मगर दोनों गांव संथली पंचायत में आते है देवली उपखण्ड में एससी के दोनों बड़े गांव है।और फिर दूसरे गांव में भी 4 सितंबर को उसी तरह की शर्मशार घटना हुई मरने पर भी शव का शांति से नही हो सका दाहसंस्कार।