नितिन डांगी ✍️,ब्यावर
स्मार्ट हलचल/ब्यावरः यह जानकारी देते हुए श्री गौशाला बचाओ नागरिक सतर्कता समिति के मंत्री सुरेश चौहान ने बताया कि दी तिजारती चेम्बर सर्राफान गौशाला की सम्पतियों में से 2002-04 में तत्कालीन टस्टियों ने बदनीयत एवं साजिश वश देलवाडा रोड स्थित श्री गौशाला की 86 बीघा भूमि को अपने ही रिश्तेदारों के नाम से बेचान कर दी थी। उल्लेखनीय है कि उक्त भूमि वजरिये सेठ सुन्दरलाल महाजन अध्यक्ष दी तिजारती चेम्बर सर्राफान गौशाला के नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज थी। टस्टियों द्वारा उक्त भूमि को खुर्द बुर्द करने की नियत से 2001 स्थानीय तहसीलदार के यहां एक सामान्य पत्र के माध्यम से सेठ सुन्दरलाल महाजन के स्वर्गवास के बाद नये नामांतरण कराने के लिए भ्रष्टाचार वश नियमाविरूद्ध तरीके से बिना न्यायिक प्रतिक्रिया अपनाये अन्य फर्म के नाम करा लिया था। उक्त भूमि को वर्ष 2002-04 में तथा कथित ट्रस्टियों द्वारा बिना कोई वैधानिक प्रक्रिया अपनाये गुप चुप तरीके से करीब 1.50 करोड रूपये में अपने चेहते रिश्तेदारो को बेचान कर दी थी। जिसके के विरूद्ध जांच एवं कार्यवाहीं लंबित है।
इस संबंध में 2004 से ही श्री गौशाला बचाओ नागरिक सतर्कता समिति द्वारा स्थानीय जिला / राज्य सरकार एवं प्रशासन एवं विभिन्न न्यायालय में नियमा विरूद्ध नामांतरण एवं बेचान को निरस्त कराने की मांग की जा रही थी जो विभिन्न स्तर पर विचारधीन है।
इसी क्रम में राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के दिनांक 16 जून 2024 को ब्यावर आगमन पर एवं जिले के प्रभारी मंत्री खर्रा एवं सचिव को ज्ञापन प्रतिवेदन सौपकर व्यक्तिगत रूप से विस्तृत जानकारी सुरेश चौहान द्वारा दी गई थी। उसी क्रम में मुख्यमंत्री कार्यालय के ओ.एस.डी. प्रेमचन्द सोलंकी द्वारा दि. 29 नवम्बर 2024 को फोन कर उपरोक्त प्रकरण से संबंधित विस्तृत रूप से जानकारी ली गई थी। साथ ही बताया कि इस प्रकरण को सरकार ने गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जिला कलेक्टर ब्यावर को पत्र देकर उचित शीघ्र कार्यवाहीं हेतु निर्देशित किया था। लेकिन उपरोक्त प्रकरण में तत्कालीन राजस्व मंत्री रामलाल जाट के दि. 7.8.2022 के आदेशो के विरूद्ध जिला कलेक्टर ब्यावर ने तहसीलदार को उच्च न्यायालय में अपील करने के निर्देश स्थानीय तहसीलदार को दिये गये थे जो आज तक विचाराधीन है।
साथ ही चौहान ने स्थानीय तहसीलदार एवं जिला प्रशासन को पत्र देकर टस्ट की अन्य सम्पतियों को खुर्द बुर्द होने से रोकने एवं मेवाडी गेट बाहर स्थित सांड का तिबारा जो करीब 3-4 बीघा भूमि श्री गौशाला की है जिस पर मात्र 273/- रूपये प्रतिमाह किराया देकर कथित तौर पर सम्पति पर कब्जा कर उक्त भूमि में सांड बाबा के मंदिर एवं समाधि को अपने कब्जे में लेकर तथा समय समय पर सम्पति के निर्माण को क्षतिग्रस्त किये जाने वाले पर कार्यवाहीं करने एवं शहर के बीचो बीच स्थित इस बहुमूल्य भूमि को अपने कब्जे में लेकर शहर के आवारा सांडो हेतु जनहित में उपयोग में लेने की मांग की।