महेंद्र कुमार सैनी
नगरफोर्ट . स्मार्ट हलचल/जहाँ एक ओर सरकारें हजारों रूपयों की योजना बना कर ग्रामीण क्षेत्र में विकास का श्रेय लेती हैं, लेकिन हकीकत में लोगों को विकास से कोसों दूर रखा जाता है और मरने के बाद भी लोगों को समस्या से छुटकारा नहीं मिलता है । ऐसा ही मामला नगरफोर्ट तहसील की ग्राम पंचायत बिलासपुर के श्यामपुरा गाँव में देखने को मिलता है जहां पर गांव में किसी की मौत हो जाती है तो उसके परिजनों ,रिश्तेदारों के साथ साथ गांव वालों के चेहरे पर चिन्ता की लकीरें देखने को मिलती हैं उसकी खास वजह उस डगर की है जिस पर शव को लेकर श्मशान घाट तक ले जाना है । हर सरकार के विकास की पोल खोलती क्षेत्र की पंचायत बिलासपुर पंचायत के श्यामपुरा गांव जहां पर आजादी के 70 साल बाद गांव के मुख्य रास्तो में गंदा पानी व कीचड़ होने से लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ता है । गांव में किसी की मौत हो जाती है तो लोगों के मन में उसकी मौत से ज्यादा उसे श्मशान घाट तक ले जाने की चिन्ता होती है । ग्रामीणों ने बताया कि गांव में श्मशान घाट करीब एक किमी दूर है श्मशान घाट जाने के लिए गांव के मुख्य रास्ते से जाना पड़ता है जिसमे कई वर्षों से कीचड़ की समस्या बनी हुई है । ये कीचड़ बरसात सहित अन्य दिनों में भी कीचड़ ही रहता है । ग्राम पंचायत की ओर से ऐसा कोई कदम नही उठाया जाता है ,जिससे मुख्य रास्ते से लोगो को कीचड़ से निजात मिले ,उसी कीचड़ भरे रास्ते से शव को श्मशान घाट तक ले जाया जाता है। कीचड़़ और पानी से परेशान होते हुए अन्तिम यात्रा की डगर पार करनी पड़़ती है । बुधवार को गांव के एक बुजुर्ग आदमी ने आज दम तोड़़ दिया। लोग जब किशन लाल शर्मा की अर्थी लेकर घर से रवाना हुए तो डगर की भयानकता देखने को मिली। शव के साथ पहुंचे रिस्तेदारों के कदम ही रूक गये और केवल परिजन जो अर्थी को कंधा दे रहे थे, वे ही उस कीचड़ से हो कर जाते नजर आए। दूसरे लोग रास्ते से इधर-उधर जाते नजर आए । ग्रामीणों ने बताया कि बार – बार क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को बताने के बावजूद आज तक गांव के मुख्य रास्ते की सड़़क नही बन पाई केवल कोरे आश्वासन ही देते रहे । ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन से सड़क बनवाने व श्मशान घाट से अतिक्रमण हटाने की मांग की है ।