दिलखुश मीणा
सावर(अजमेर)@स्मार्ट हलचल| सावर–पण्डेर मार्ग पर ग्राम पंचायत मुख्यालय कुशायता की मुख्य सड़क पिछले सात वर्षों से बदहाली का प्रतीक बनी हुई है। सड़क की जर्जर हालत ने ग्रामीणों का जीना दूभर कर दिया है। हर रोज़ लगने वाला जाम, गड्ढों में भरा बदबूदार पानी, और लगातार बढ़ते हादसे अब ग्रामीणों के सब्र की सीमा तोड़ चुके हैं।
ग्रामीणों ने सड़क सुधार को लेकर अजमेर जिला कलेक्टर और विधायक शत्रुघन गौत्तम को ज्ञापन भेजकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि अब स्थिति ऐसी हो चुकी है कि किसी भी पल गंभीर दुर्घटना हो सकती है।
कुशायता से होकर भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर और अहमदाबाद जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ने वाला यह मार्ग लगभग आधे किलोमीटर तक पूरी तरह नष्ट हो चुका है। हालात इतने खराब हैं कि मात्र आधे किलोमीटर की दूरी तय करने में वाहनों को 15 मिनट से 30 मिनट लग जाते हैं।
सड़क पर जगह-जगह बने गहरे खड्डों में गंदा, सड़ांधयुक्त पानी भरा रहता है, जिसमें कई राहगीर गिरकर घायल हो जाते हैं। दोपहिया वाहन चालक रोजाना जान जोखिम में डालकर इस मार्ग से गुजरने को मजबूर हैं।
ग्रामीणों का स्पष्ट आरोप है कि यह समस्या पूर्ववर्ती सरकार के समय से आज तक जस की तस बनी हुई है। कई बार शिकायतें करने और उच्चाधिकारियों व नेताओं के इस मार्ग से गुजरने के बावजूद सड़क सुधार पर ध्यान नहीं दिया गया।
कुशायता के दोनों ओर बसे परिवारों का कहना है कि इस सड़क की बदहाल स्थिति ने उनके जीवन को नारकीय बना दिया है। गड्ढों में जमा गंदे पानी से बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है, वहीं कई वाहन रोज दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं।
सावर उपखंड मुख्यालय से कुशायता के मोटालाव ग्राम तक करीब 6 किलोमीटर लंबा हिस्सा जगह-जगह खड्डों से छलनी हो चुका है।
ग्रामीणों का कहना है—
“सात साल तक हमने इंतज़ार किया… अब अगर सड़क नहीं बनी तो आंदोलन करना हमारी मजबूरी बन जाएगा।”
कुशायता की जनता अब उम्मीदों नहीं, ठोस कार्रवाई की मांग कर रही है। सड़क कब बनेगी? प्रशासन कब जागेगा? यह सवाल क्षेत्र में हर घर की आवाज बन चुका है।


