स्मार्ट हलचल/भारत के परिवार जब टूटते हैं तो टूटने का ढंग दो प्रकार का होता है, एक में छत बंटती है, छाती नहीं, यानी मतभेद होते हैं, लेकिन समझदारी से सब अलग हो जाते हैं, और मेल मिलाप होता रहता है। दूसरा ढंग होता है, छत भी बंट जाती है और छाती भी, मतलब विवाद हो गया, बातचीत बंद हो गई। भारत के बिखरे हुए सौ घरों का जब एक सर्वे किया गया तो उसमें से अस्सी घरों में टूटने का कारण वाणी रही! परिवारों में बहुत सारे लोग हैं, जिनकी नियत खराब नहीं हैं, लेकिन उनका स्वभाव खराब होता है, और स्वभाव की प्रतिनिधि खासतौर पर वाणी होती है। झूठ बोलते हैं लोग कुछ सदस्य तो ऐसा बोलते हैं कि तीर की तरह चुभता है। इसलिए यदि परिवार में स्वभाव को ठीक रखना है या अपने किसी सदस्य के स्वभाव को अच्छा बनाना है, तो इन पांच बातों पर काम करिए – समय, सहयोग, सम्मान, संस्कार और सहनशीलता। ये पांच बातें घर के जिन सदस्यों ने संवार ली, उनकी नीयत अच्छी होगी, उनका स्वभाव भी अच्छा हो जाएगा, फिर परिवार चाहे बंट जाए, टूटेंगे नहीं।