उदयपुर में थियेटर कार्यशाला 1 जून से
उदयपुर, 28 मई। स्मार्ट हलचल/लेकसिटी की छिपी हुई कला प्रतिभाओं को तराशने के उद्देश्य से कश्ती फाउंडेशन द्वारा 1 जून से 15 दिवसीय ग्रीष्म कालीन थियेटर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा हैं।कश्ती फाउंडेशन प्रमुख श्रद्धा मुर्डिया ने बताया कि 1 से 15 जून तक भुवाणा स्थित थर्ड स्पेस में आयोजित होने वाली इस थियेटर कार्यशाला में 10 वर्ष की आयु के ऊपर के प्रतिभागी भाग ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि कार्यशाला से पूर्व दिनांक 28, 29 व 30 मई में से एक दिन डेमो क्लास के रूप में ज्वाइन कर इस कार्यशाला में भाग लिया जा सकता है। प्रशिक्षण विशेषज्ञ के रूप के रंगकर्मी कुणाल मेहता व सुरेश पूनिया प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। कार्यशाला में ख्यातिप्राप्त कलाकार कहानीवाला रजत भी संभागियों को कहानी के गुर सिखाएंगे। उन्होंने बताया कि कार्यशाला शाम 5:30 से 7:30 बजे तक थर्ड स्पेस उदयपुर में आयोजित की जाएगी।
इस तरह हिस्सा ले सकते है इच्छुक:
कार्यशाला में भाग लेने के लिये मोबाइल नम्बर 95490 99598 पर संपर्क किया जा सकता है। कार्यशाला में भाग लेने के लिए अंतिम रजिस्ट्रेशन 1 जून तक कर सकते हैं। इस 15 दिन की वर्कशॉप में सहभागियों के सहयोग से एक नाटक तैयार किया जाएगा, जिसका मंचन थर्ड स्पेस उदयपुर में होगा।
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विश्व पर्यावरण दिवस पर उदयपुर से एक पहल
50 हजार सीड बॉल्स का होगा निःशुल्क वितरण
उदयपुर, 28 मई। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर उदयपुर से एक अनूठी पहल सामने आई है। पहल के तहत ग्लोबल वार्मिंग की वैश्विक समस्या से निबटने और पर्यावरण को हरा-भरा बनाने की दृष्टि से ऑर्गेनिक खेती व उत्पादों को समर्पित स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण मदद काशी फाउंडेशन द्वारा 50 हज़ार सीड्स बॉल्स का निशुल्क वितरण किया जाएगा।
फाउंडेशन की निदेशक सरोज पटेल ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर आमजन को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के उद्देश्य से इस प्रोफाइल के तहत फाउंडेशन द्वारा इन दोनों सेट बॉल्स तैयार की जा रही है और जिले वासियों को निशुल्क वितरण की जाएगी उन्होंने बताया कि इन सीड बॉल्स के तहत अमलतास मोरिंगा (सहजन), बांस इत्यादि के बीजों से युक्त सीड बॉल्स कोई भी व्यक्ति सहेली नगर स्थित संस्थान कार्यालय से निशुल्क प्राप्त कर सकता है। इसके लिए इच्छुक व्यक्ति को व्हाट्सएप नंबर 9610256904 पर अपना नाम पता और इच्छित सीड बॉल्स की संख्या 4 जून, 2024 तक भेजनी होगी ताकि तद्नुसार सीड बॉल्स तैयार की जा सकें।
इन सीड बॉल्स को जंगल अथवा किसी अच्छे खाली स्थान पर डाला जा सकता है ताकि मानसून दौरान पानी मिलने पर ये आसानी से उग सकें।