Homeराजस्थानजयपुर अलवरमैं पद पर रहूँ या नहीं, आख़िरी साँस तक राजस्थान की जनता...

मैं पद पर रहूँ या नहीं, आख़िरी साँस तक राजस्थान की जनता के बीच रहूँगा- पायलट

मैं पद पर रहूँ या नहीं, आख़िरी साँस तक राजस्थान की जनता के बीच रहूँगा- पायलट

हरिप्रसाद शर्मा

स्मार्ट हलचल,जयपुर| राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा-‘मैं पद पर रहूं या नहीं, आखिरी सांस तक राजस्थान की जनता के बीच रहूंगा, पेपर लीक से पीड़ित प्रत्येक युवा को मुआवज़ा मिले ।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रहे सियासी बवाल में सोमवार को नया रोमांचक मोड़ आ गया है। पाँच दिनों से चल रही जन संघर्ष यात्रा निकाल रहे सचिन पायलट ने अब खुलकर कांग्रेस की गहलोत सरकार को चुनौती दे डाली है। पायलट ने जयपुर में शक्ति प्रदर्शन करते हुए 15 दिन का अल्टीमेटम देते हुए 3 मांगें पूरी करने की बात कही है। उन्होंने सभा के मंच से ये भी ऐलान कर दिया है कि 15 दिन में मांगें पूरी नहीं हुई तो वो प्रदेशभर में आंदोलन करेंगे। पायलट ने यह भी कहा कि अब तक वो गांधीवादी तरीके के अपनी बात रख रहे थे लेकिन अब सरकार ने नहीं सुनी तो आंदोलन का रुख करेंगे।

पायलट ने सरकार के सामने ये तीन मांगें रखी पायलट ने सभा के मंच से पहली मांग राजस्थान लोक सेवा आयोग को भंग करने की रखी। पेपर लीक मामले को लेकर पायलट ने आपीएससी के चेयरमैन और सदस्यों के नियुक्ति पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा पूरे तंत्र का पुनर्गठन करें, नए कानून मापदंड बनें और पारदर्शिता से लोगों का चयन हो।दूसरी मांग अब तक की प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी से प्रभावित युवाओं को आर्थिक मुआवजा देने की रखी। उन्होंने कहा पेपर लीक से प्रभावित प्रत्‍येक नौजवान को उच‍ित आर्थिक मुआवजा दिया जाना चाहिए। तीसरी मांग में उन्होंने पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार में हुए भ्रष्टाचार की जांच की की बात कही। उन्होंने वसुंधरा राजे के खिलाफ लगे आरोपों की उच्‍च स्‍तरीय जांच कराने की मांग रखी।
सचिन पायलट ने अपनी 5 दिवसीय जन संघर्ष यात्रा के दौरान अपने समर्थक विधायकों और मंत्रियों को दूर रखा। लेकिन अंतिम दिन सोमवार को जयपुर में आयोजित जन संघर्ष यात्रा के समापन सभा में पायलट के साथ मंच पर विधायक भी थे और गहलोत सरकार के मंत्री भी थे । गहलोत के नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले पायलट समर्थक लगभग सभी बड़े नेता मंच पर मौजूद नजर आए। इसमें राज्‍य सरकार के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा व हेमाराम चौधरी के साथ साथ विधायक जीआर खटाना, वेद सोलंकी, सुरेश मोदी, राकेश पारीक, हरीश मीणा, खिलाड़ीलाल बैरवा, गिर्राज मलिंगा, दीपेंद्र सिंह शेखावत, मुकेश भाकर, इंद्राज गुर्जर और रामनिवास गावड़िया भी शामिल हुए।
ज्ञात हो कि पायलट मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप देखी जा रही इस यात्रा के अंतिम दिन पायलट ने खुलकर गहलोत नेतृत्व को चुनौती दे डाली है

RELATED ARTICLES
- Advertisment -