टोंक कलेक्टर की वार्ता के बाद हुआ बनेठा उप तहसील पर किसानों का तीन दिन से चल रहा पड़ाव धरना स्थगित
प्रशासन ने 27 जनवरी तक किसानों की समस्याओं के समाधान का दिया आश्वाशन
राजाराम लालावत
टोंक। स्मार्ट हलचल/किसान महा पंचायत के नेतृत्व में तीन दिन से बनेठा उप तहसील कार्यालय पर चल रहा पड़वा धरना 25 जनवरी गुरुवार को किसानों के 5 सदस्यी प्रतिनिधि मंडल की टोंक कलेक्टर सौम्या झा के साथ दोपहर 2:30 बजे हुई वार्ता के बाद प्रशासन द्वारा किसानों के प्रतिनिधि दल को 27 जनवरी तक समस्याओँ के समाधान एवं दस्तावेज आदि मिलने के आश्वाशन के बाद समझौता होने से तीन दिन से चल रहा पड़ाव धरना स्थगित हुआ। किसान महा पंचायत के युवा प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी ने बताया की पड़ाव व घेराव के बाद जिला प्रशासन के बुलावे पर जिला कलेक्टर सौम्या झा की अध्यक्षता में किसानों के 5 सदस्य दल की सकारात्मक वार्ता रही इस वार्ता का समझौता विवरण लिखित में हुआ जिसकी समझौता प्रति किसान प्रतिनिधियों को दी गई 2.30 बजें जिला कलेक्टर डॉ सौम्य झा से ईसरदा बांध डुब क्षेत्र के किसानों के साथ वार्तालाप शुरू हुआ। किसानों की और से किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के साथ पांच सदस्यों का दल रहा जिनमें जमना लाल माली अध्यक्ष
ईसरदा बांध डूब क्षेत्र
किसान महापंचायत,माधो लाल कीर सदस्य,मोहनलाल गुर्जर सदस्य,छीतर माली सदस्य,रामेश्वर प्रसाद चौधरी
युवा प्रदेशाध्यक्ष
किसान महापंचायत राजस्थान को 27 जनवरी तक प्राप्त हो जाएगी।जिला प्रशासन की ओर से अतिरिक्त जिला कलेक्टर सूरज नेगी,अतिरिक्त जिला कलेक्टर देवली हरिताभ आदित्य, अधिशासी अभियंता एवं पुनर्वास अधिकारी ईसरदा प्रभु सिंह एवं उनके साथ सहायक अभियंता भी वार्ता के समय उपस्थित रहे। 12 सूत्री ज्ञापन में उल्लेखित सभी समस्याओं के समाधान के लिए किसानों को किसान प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया गया। इसी क्रम में अधिक ग्रेट भूमि सर्वे रिपोर्ट एवं अब तक निर्धारित मुआवजे से संबंधित रिकॉर्ड किसान प्रतिनिधियों को उपलब्ध कराया जाएगा।उसके उपरांत किसानो की ओर से विशिष्ट आपत्ती प्रस्तुत की जाएगी।जिसे कृषि भूमि में कूंए नलकूप जैसे निर्माण किंतु उनके अंकल राजस्व अभिलेखों में नहीं है। इसी प्रकार आबादी भूमि में जो परिवार नोहरा,बाड़ा रहने के मकान के लिए जितनी भूमि का उपयोग कर रहा है।उसे भी रिकॉर्ड पर लिया जाएगा जो भूमि संचित है किंतु कागजात में असिंचित अंकित की हुई है।उनके संबंध में भी राजस्व रिकॉर्ड को सही करते हुए अद्यतन किया जाएगा प्रथम चरण के लिए की गई कार्यवाही को 5 वर्ष से अधिक समय हो चुका इसके कारण पुराने सर्वे एवं वर्तमान डीएलसी के आधार पर मुआवजा दिया जाने आदि समस्यों के समाधान का लिखित समझौता होने के बाद तीन दिन में किसानों का पड़ाव स्थगित हुआ।