टोंक के किसानों का आंदोलन स्थगित किसान महा पंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष की हुई गिरफ्तारी
बुधवार की रात्रि को 12 बजे के लगभग मुख्यमंत्री आवास घेराव दिल्ली कूच आंदोलन हुआ समाप्त
राजाराम लालावत
टोंक। स्मार्ट हलचल/किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट को रिहा करने के बाद हुआ गतिरोध दूर। जिसको लेकर मुख्यमंत्री घेराव व दिल्ली कूच आन्दोलन समाप्त हुआ।किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट द्वारा 21 फरवरी को न्यूनतम समर्थन मूल्य को गारंटी कानून बनाने की मांग को लेकर दिल्ली कूच का 500 ट्रैक्टरों के साथ आवाहन किया गया था।प्रदेश भर के किसानों के साथ दिल्ली को उससे पहले ही सील गांव राय तहसील जिला अजमेर से बुधवार की सुबह 4:00 बजे किसान महापंचायत राष्ट्रीय अध्यक्ष को पुलिस द्वारा ग्रुप में लिया गया तथा उनके फोन को भी स्विच ऑफ करवा दिया गया था जिसकी जानकारी किसान महापंचायत व प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर चौधरी को 5:00 बजे प्राप्त हुई उसके उपरांत रामपाल जाट को तत्काल रिहाई की मांग उठाते हुए सोशल मीडिया पर खबर प्रसारित की जिसके तहत पूरे प्रदेश में जिला कलेक्टरों के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किए गए परंतु किसान महापंचायत युवा प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में टोंक जिले के किसानों की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री घेराव की चेतावनी भी दे रखी थी किसानों को नेशनल हाईवे 52 के पास पुलिस प्रशासन एवं एवं प्रशासन द्वारा किसानों को रोका गया इसके बाद किसानों ने हाइवे के पास ही अपना पड़ाव जारी कर दिया।जब प्रशासनिक अधिकारी द्वारा वार्तालाप के लिए जिला प्रशासन द्वारा बार-बार निमंत्रण दिया गया परंतु किसान महा पंचायत प्रदेश अध्यक्ष द्वारा एक ही शब्द प्रशासन के सामने रखा रामपाल जाट की रिहाई उसके उपरांत ही वार्ता आरंभ होगी।पुलिस उपाधीक्षक द्वारा 5:00 बजे राष्ट्रीय अध्यक्ष से उन्हीं के फोन से बात करवाई परंतु उन्हें रिया नहीं किया। किसानों का आरोप है की आंदोलन को तोड़ने के लिए प्रशासन ने पूरा छल बल का भी प्रयोग किया परंतु किसानों ने अपनी मांग पर अधिग्रहण कर प्रशासन का भी सामना किया। रामपाल जाट से फोन पर बात करवाने के 3 घंटे बाद विभिन्न 107,151के साथ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा बना कर उपखंड अधिकारी के समक्ष पेश किया गया। जिस पर रामपाल जाट ने जमानत मुचलके भरने से मना किया गया मजिस्ट्रेट को कानून जानकारी एवं तर्क की ताक़त के आधार पर एवं लोकतंत्र में आंदोलन करना संवैधानिक अधिकार के कारण रिहा किया गया।किसान व पंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट द्वारा युवा प्रदेश अध्यक्ष स्वामी से प्रसाद चौधरी से बात करने के बाद जिला कलेक्टर उम्मेदी लाल मीणा,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आदर्श चौधरी,किसान महापंचायत युवा प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी आन्दोलन संयोजन,डूब क्षेत्र अध्यक्ष जमनालाल माली, बिसलपुर बांध विस्थापितों के संयोजक भरतराज मीना लोकसभा प्रभारी,राष्ट्रीय महासचिव अकबर खान,जीएसएस अध्यक्ष माधोलाल कीर,पीपलू अध्यक्ष गोपी लाल जाट की मौजूदगी में सहमति हुई।सहमति बनी बिन्दु ईसरदा बांध डूब क्षेत्र का मुआवजा सिंचित जमीन का दें,जन आधार कार्ड को आधार बनाकर प्रत्येक सदस्य को 10 लाखं रुपए दिये जाये।पूर्व अवार्ड जारी को 2017 में किया गया जिसे 5 वर्ष की समय अवधि खत्म होने के कारण अवार्ड प्रक्रिया पुनः शुरू हो।जब तक पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन नहीं हो तब तक किसी भी किसान की जमीन को खुर्द-बुर्द नहीं करें प्रत्येक किसान परिवार को 500 वर्गगज आवासीय परिसर उपलब्ध कराना आवश्यक है। नयासर्वे करतें समय विस्थापित परिवार का मुखिया की सहमति व्यक्त करें ताकि समस्त परिसम्पतियों का आंकलन सही हों सकें।तीन वर्षों से निर्मित पक्का मकान,पशुओं आश्रय, ट्यूबवेल, कुआं सहित अन्य सम्पत्ति का भी मुआवजा दे।सिंचित भूमि सम्पूर्ण अधिग्रहण होने के कारण एक एकड़ व दो एकड़ जमीन प्रभावित किसान परिवारों को दे।प्रथम चरण एवं द्वितीय चरण का मुआवजा एक ही बार में सम्पूर्ण मुआवजा दिया जाए। सम्पूर्ण ज़मीन खत्म होने की स्थिति में परिवार के एक सदस्य को नौकरी दें।प्रशासन द्वारा मिला आश्वाशन 1 तहसीलदारो से कैम्प लगाकर कार्यवाही करेंगे एवं पुनर्स्थापन एडीएम द्वारा कैम्प सूचारू रुप से जारी रहेंगे तथा प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा जायेगा। 2 उनियारा तहसील में ड्रोन सर्वेक्षण के कारण एक किसान की जमीन कही हिस्सों में विभक्त हो गई तथा गैर मुमकिन रास्ते को भी खातेदारी में परिवर्तन कर दिया, खेती की मैर को ही खसरा नंबर अलोट कर दिया प्रत्येक गांव के किसानों ने आपत्ति जताई उसके उपरांत भी कोई कार्यवाही नहीं हुई । इसका तत्काल ही ड्रोन सर्वेक्षण का निरस्त किया जाये। 3 आपत्तियां पर कार्यवाही होगी यदि कार्यवाही नहीं होती है तों धारा 136 में दावा करें जिसका का फार्म अतिरिक्त कलेक्टर टोंक द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा तथा फार्म भरकर जमा कराने वालों का निस्तारण किया जायेगा। 4 राजस्थान सरकार एम.एस.पी. पर खरीद का कानून बनाने की प्रभावी कानून बना। 5 एम.एस.पी. से कम दामों में क्रय विक्रय को रोकने के लिए राजस्थान कृषि उपज मंडी अधिनियम 1961 की धारा 9[2][xii] में प्रावधान है, जो अभी बाध्यकारी नहीं है। इसे एक शब्द बदल कर बाध्यकारी बनाने के लिए विधानसभा में क़ानून बना सकतें हैं। 6 राजस्थान कृषि उपज मंडी अधिनियम में 1963 के नियम 64 [3] में परिवर्तन कर न्यूनतम समर्थन मूल्य से खुली नीलामी बोली आरंभ होगी। 7 हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है इस लिए प्रस्ताव सरकार को भेजा जायेगा। 8 ई आर सी पी परियोजना को मूल रूप से 50 प्रतिशत के आधार पर केन्द्र सरकार लागू करें तथा मध्यप्रदेश विधानसभा एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री एम ओ यू को सार्वजनिक किया जाये । 9 बिसलपुर बांध से 1.56 टीएमसी छोड़ा गया तथा ज़िला कलेक्टर टोंक द्वारा 2.414 टीएमसी किसानों की दिलावे के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन विभाग को पत्र लिखकर भेजा गया जिसमें स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा 1 अक्टूबर 2023 से 31 अक्टूबर 2024 जो 13 माह होते हैं तथा बांध में आवक जुलाई माह में आरम्भ होती हैं। पानी की गणना वर्षा ऋतु से ही होती है इस कारण टोंक के किसानों के हकों में 2.414 टीएमसी पानी देने के बाद भी पानी की कोई कमी नहीं होगी। 10 गाईड लाईन का अध्ययन करके उच्चाधिकारियों को पुनः पत्र प्रेषित किया जायेगा। विस्तृत पत्र किसान महापंचायत युवा प्रदेशाध्यक्ष लिखेंगे।11 बनास नदी में पालड़ा पंचायत व डोड़वाडी पंचायत के मध्य भूमिगत जल्द वर्दी के लिए सर्फेस बेरियर का निर्माण करवाया जावे ताकि आस – पास के किसानों के 3 दर्जन गांवों में पानी की समस्या का निस्तारण हों सकें। 12 किसान के बिजली कनेक्शन पर ढुलाई के नाम पर हजारों की लुट को बन्द करना तथा कृषि कनेक्शन नीति के बिन्दु संख्या 11.1 का विलोपन करनें से (ढुलाई शब्द का विलोपन होगा) एवं डिमांड जमा होने वालें किसानों को 45 दिनों में कम्प्लीटली कनेक्शन चालु होना।13 सरकार को पत्र प्रेषित किया जायेगा तथा किसानों को कनेक्शन स्थापित करने में परेशानी उत्पन्न नहीं हो उसके लिए आक्समिक निरक्षण भी किया जायेगा।
14 सेवारामपुरा की बिसलपुर बांध से सिंचित ज़मीन को अवाप्ति मुक्त कराना।(पक्षपात करतें हुए भीलवाड़ा प्रभाव शाली व्यक्ति की 6.7 बीघा जमीन को छोड़ दिया गया ज़िला कलेक्टर टोंक द्वारा पुर्व में कमिश्नर आवासन मंडल को अवाप्त मुक्त करने की सहमति दी। अतिरिक्त प्रमुख शासन सचिव को प्रस्ताव बनाकर दुबारा भेज दिया जायेगा। 15 डीएपी, यूरिया उर्वरक के साथ नैनों यूरिया, सल्फर जैंसे अन्य उत्पाद को पद का दुरपयोग एवं परिवार जनों को फायदा पहुंचाने वाले कृषि अधिकारी के के मंगल जबरदस्ती रोकने असफल होने पर जबरदस्ती की पुनरावृत्ति न होने देना एवं फ़सल बीमा योजना से किसानों को मुआवजा दिलवाना।प्रार्थना पत्र प्रेषित किया गया कार्यवाही का आश्वासन। 16 प्रत्येक ग्राम सेवा सहकारी समितियों को न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीद केंद्र स्थापित करके गांव में ही खरीद केन्द्र स्थापित करना।बनेठा ,डोडवाडी,डारडा हिन्द ग्राम सेवा सहकारी समितियों को खरीद केन्द्र बनाया जायेगा। 17 टोक ज़िले में गलती वस पोस मशीन में 4262.55 मेट्रिक टन जो 93000 बेग यूरिया चढ़ गया। उसे शून्य करवाकर ताकि टोंक के किसानों को यूरिया , डीएपी के लिए लाईनों में लगना नहीं पड़ेगा। प्रस्ताव बनाकर भारत सरकार को भेजा जायेगा। ग्राम सेवा सहकारी समिति बनेठा के सामने आम रास्ते पर अतिक्रमण हटाने को लेकर 2 अगस्त 2022 से अब तक कहीं कमेटी गठित हुई जिसमें 0.44 हैक्टर आम रास्ते पर अतिक्रमण माना गया जिसे हटाया जाये। तीन दिवसों में तत्काल कार्यवाही के आदेश किये जायेंगे। 18 बिसलपुर बांध डुब क्षेत्र के 37 वर्षों पूर्व विस्थापितों को जहां बीसलपुर में निवासरत हैं उसी भूमि को विस्थापितों को अलोट करे। 15 दिनों में सम्पूर्ण कार्यवाही होंगी। आदि मांगों पर सहमति बनने के बाद किसानों का आंदोलन स्थगित हुआ।